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इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टालरेंस नीति के अनुसार गबन की शिकायत मिलने पर प्रारम्भिक जांच की गई, जिसमें कर्मचारी कल्याण निगम के 12 और आवश्यक वस्तु निगम के दो कर्मचारियों को दोषी पाया गया। 14 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है, मुख्यमंत्री के आदेशानुसार उनके विरुद्ध आर्थिक अपराध शाखा में जांच भी शुरू हो गई है। आर्थिक अपराध शाखा में जांच के बाद दोषियों को जेल जाना पड़ेगा। वहीं इनसे गबन की धनराशि की वसूली की जायेगी। विभाग में किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दास्त नहीं किया जायेगा। भ्रष्टाचार कोई करें, उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी।