script‘विवाह के लिए धर्म परिवर्तन अस्वीकार्य’ वाले हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती | Dharm parivartan unacceptable highcourt decision challeged in SC | Patrika News
लखनऊ

‘विवाह के लिए धर्म परिवर्तन अस्वीकार्य’ वाले हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) द्वारा केवल विवाह के लिए धर्म परिवर्तन (Religon conversion) को अस्वीकार्य करने वाले फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

लखनऊNov 05, 2020 / 10:13 pm

Abhishek Gupta

लखनऊ. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) द्वारा केवल विवाह के लिए धर्म परिवर्तन (Religon conversion) को अस्वीकार्य करने वाले फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। एडवोकेट अलदानिश रीन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलग-अलग धर्म से संबंध रखने वाले एक विवाहित जोड़े को पुलिस संरक्षण न देकर एक ‘गलत मिसाल’ पेश की है।
याचिका में आगे कहा गया कि हाईकोर्ट ने यह आदेश देते वक्त न केवल गैर-धर्म में विवाह करने वाले दंपति को उनके परिवारों की घृणा के सहारे छोड़ दिया है, बल्कि एक गलत मिसाल भी कायम की है कि ऐसे जोड़े में से किसी एक द्वारा धर्म परिवर्तन करके अंतर-धार्मिक विवाह नहीं किया जा सकता है। सुुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया है कि वह संविधान के अनुच्छेद 142 को लागू करते हुए हाईकोर्ट के उक्त आदेश को रद्द कर दें और संबंधित दंपति को तत्काल पुलिस सुरक्षा प्रदान करें।
ये भी पढ़ें- आलू व प्याज के बाद महंगा हुआ अंडा, दीपावली के बाद और बढ़ेंगे दाम, जानिए क्या हैं अभी के भाव

हाईकोर्ट ने कहा था अस्वीकार्य-

30 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई में प्रेमी जोड़ी को सुरक्षा देने से इंकार करते हुए कहा थारिकॉर्ड से स्पष्ट है कि शादी करने के लिए ही धर्म परिवर्तन किया गया है। एक याची मुस्लिम है तो दूसरा हिंदू है। केवल शादी के उद्देश्य के लिए धर्म परिवर्तन स्वीकार्य नहीं हैं। ऐसे में वह इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते।
नूर जहां बेगम केस की दी थी नजीर

कोर्ट ने 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के नूर जहां बेगम केस की नजीर दी जिसमें हिंदू लड़कियों ने धर्म बदलकर मुस्लिम लड़के से शादी की थी। सवाल था कि क्या हिंदू लड़की धर्म बदलकर मुस्लिम लड़के से शादी कर सकती है और यह शादी वैध होगी। शुक्रवार को कोर्ट ने कि क्या सिर्फ विवाह करने के उद्देश्य से धर्म परिवर्तन मान्य है जबकि धर्म बदलने वाले को स्वीकार किए गए धर्म के बारे में न तो जानकारी थी और न ही उसमें आस्था और विश्वास था। अदालत ने इसे कुरान की शिक्षाओं के मद्देनजर स्वीकार्य नहीं माना है।
ये भी पढ़ें- डीएम की पत्नी ने लगाया पति पर मारपीट व उत्पीड़न का आरोप, कहा मेरी मौत के वो जिम्मेदार होंगे

सीएम योगी ने की थी सराहना-

सीएम योगी ने एक जनसभा में हाईकोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए धर्म परिवर्तन व लव जिहाद के खिलाफ जल्द सख्त कानून लाने का ऐलान भी किया था।

Hindi News / Lucknow / ‘विवाह के लिए धर्म परिवर्तन अस्वीकार्य’ वाले हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

ट्रेंडिंग वीडियो