डिप्टी सीएम बृजेश पाठक की कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप
डिप्टी सीएम ने प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को इन डॉक्टरों की बर्खास्तगी के आदेश दिए हैं। दरअसल, जिन चिकित्साधिकारियों पर डिप्टी सीएम ने कार्रवाई की है। यह लोग लंबे समय से बिना पूर्व सूचना ड्यूटी से नदारद बताए जा रहे हैं। डिप्टी सीएम की कार्रवाई की जद में प्रदेश की 10 महिला चिकित्साधिकारी भी आई हैं। डिप्टी सीएम ने इन्हें नौकरी से बर्खास्त करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही तीन चिकित्साधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश भी दिया है। डिप्टी सीएम ने इस कार्रवाई की घोषणा करते हुए कहा, चिकित्सकीय सेवाओं में लापरवाही बरतने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। तीन चिकित्साधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के भी निर्देश जारी किए गए हैं। तैनाती से संबंधित मण्डलीय अपर निदेशकों को जांच अधिकारी बनाया गया है।
सरकारी आवास की बजाय शहरों में रहते हैं डॉक्टर
दरअसल, उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में ऐसे कई चिकित्सा अधिकारी हैं। जिन्हें सरकार मोटी सैलरी पर नियुक्त करती है, लेकिन वो दूरदराज के क्षेत्रों में बने जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी में ड्यूटी करने नहीं जाते हैं या फिर अक्सर नदारद रहते हैं। कई बार बड़ी सड़क दुर्घटनाओं के वक्त स्वास्थ्य अधिकारियों की गैर मौजूदगी की वजह से घायलों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है। डॉक्टर ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में बने आवास में रहते हैं, जबकि उन्हें आवासीय सुविधा भी मुहैया कराई जाती है। फिर भी वो दायित्वों को गंभीरता से नहीं लेते हैं।
इन पर हुई अनुशासनात्मक कार्रवाई
झांसी के जिला अस्पताल में अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकुल मिश्रा, बाराबंकी के फतेहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. माधवी सिंह और बरेली के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार शर्मा पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की है।