कांग्रेस के असली मुखिया गांधी होते थे लेकिन देश की आजादी की लड़ाई कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में लड़ी गई थी और उसके मुखिया महात्मा गाँधी होते थे। जब अंग्रेजों से वार्ता हुई तो महात्मा गाँधी के नेतृत्व में हुई। देश के लोगों ने यह समझा था कि कांग्रेस के अगुवाई में देश की आजादी को लड़ा था और उसके नेता महात्मा गाँधी मान गए थे। लेकिन कांग्रेस ने महात्मा गांधी करते हुए उनके आदर्शो को ताले में बंद कर दिया। उनके नाम को अपने नाम के साथ जोड़कर देश की जनता को गुमराह कर सत्ता पर काबिज होने का काम किया। 25 जून 1975 में श्रीमती गाँधी के चुनाव को उस समय के तत्कालीन कोर्ट ने रद्द कर दिया था | और उस ,समय के राष्ट्रपति ने श्री मती गांधी के कहने पर देश में इमरजेंसी लगा दी थी।
भाजपा में बूथ अध्यक्ष भी मुख्यमंत्री या अध्यक्ष बन सकता है बृजेश पाठक ने परिवारवाद के मुद्दे पर सपा -कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि भाजपा एक ऐसा दल है जहाँ बूथ स्तर का नेता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है जबकि अन्य पार्टियों में ऐसा नहीं है। उन्होंने ने सपा -कांग्रेस का नाम लेते हुए कहा कि, मुलायम सिंह के बाद उनका बेटा अखिलेश यादव पार्टी के अध्यक्ष बने इसी तरह कांग्रेस में सोनिया गांधी के बाद राहुल गाँधी पार्टी अध्यक्ष बने। जब राहुल जी शादी कर लेंगे तो उनका बेटा अध्यक्ष बनेगा नहीं तो प्रियंका गाँधी कोई रास्ता निकाल लेंगी। उन्होंने सपा पर तंज कसते हुए कहा कि हमने मुगलों में सुना था कि पिता को धक्का देकर बेटा गद्दी हासिल कर लिया करता था। हां तो लोगों ने सपा में देखा।