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मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि राजधानी के कुछ इलाके मच्छरों के प्रजनन स्थल बन गए हैं, जिससे वहां डेंगू और मलेरिया के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अलीगंज, इंदिरा नगर, चिनहट, एनके रोड, चंदरनगर, टूडियागंज, ऐशबाग, बीकेटी, और सरोजनी नगर जैसे क्षेत्रों में डेंगू के मामले अधिक पाए जा रहे हैं। इनमें से अलीगंज में 8, इंदिरा नगर में 7, और चंदरनगर में 8 नए डेंगू मरीज मिले हैं। इसके अलावा मलेरिया के मामले मोहनलालगंज, ऐशबाग, अलीगंज और गोसाईगंज से सामने आए हैं। यह भी पढ़ें
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स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे सर्वेक्षण में 1527 घरों की जांच की गई, जिनमें से 12 घरों में मच्छर जनित स्थितियां पाई गईं। इन घरों को नोटिस जारी कर मच्छरों के प्रजनन स्थलों को नष्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। नगर मलेरिया इकाई और जिला मलेरिया अधिकारी की टीमों द्वारा लार्वा रोधी रसायनों का छिड़काव भी प्रभावित क्षेत्रों में किया जा रहा है, ताकि मच्छरों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके। यह भी पढ़ें
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सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मच्छरों के काटने से डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा होता है। इनमें डेंगू और मलेरिया अधिक घातक होते हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है, जो दिन के समय सक्रिय होता है। डेंगू का बुखार 5 से 7 दिनों तक रहता है और इसमें समय पर इलाज न होने पर हालत गंभीर हो सकती है। यह भी पढ़ें