हो सकती है प्रभावी कार्यवाही आज हम आपको साइबर अपराध से जुड़े तमाम नियम व प्रक्रिया के बारे में बताने जा रहे हैं सामान्यता देखा कहता है कि जब हम ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो कई बार हमें हमारे सामान की जगह दूसरा सामान भेज दिया जाता है ऐसे में हम संबंधित वेबसाइट के टोल फ्री नंबर व मेल पर शिकायत कर सकते हैं अगर शिकायत का निस्तारण नहीं होता है तो हम कंजूमर फोरम में वेबसाइट के खिलाफ कार्यवाही के लिए मुकदमा दायर कर सकते हैं कंस्यूमर के हितों की रक्षा के लिए कंज्यूमर कोर्ट के पास पर्याप्त अधिकार मौजूद है कोर्ट लापरवाही करने पर संबंधित फर्म के खिलाफ जुर्माना व सजा दोनों की कार्यवाही कर सकती है।
साइबर सेल से करें शिकायत अगर आप जिस वेबसाइट शॉपिंग कर रहे हैं वह फ्रॉड होती है तो फिर इसकी शिकायत साइबर अपराध शाखा में की जा सकती है आईपीसी की धारा के तहत वेबसाइट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाती है। ऑनलाइन शॉपिंग को सुरक्षित बनाने के लिए उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 का इस्तेमाल किया जा सकता है।
डिलीवरी के दौरान करें वीडियोग्राफी अगर आपने किसी ऑनलाइन शॉपिंग से सामान मंगाया है और सामान गलत आया है तो आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि डिलीवरी ब्वॉय के सामने ही आप सामान खोलें और उसकी वीडियोग्राफी करें अगर इस दौरान सामान गलत पाया जाता है तो आप डिलीवरी ब्वॉय को तुरंत माल वापस कर रिसीविंग ले सकते हैं अगर आपने या काम नहीं किया और सामान बाद में खोला तो फिर ऐसे मामले में आप वेबसाइट के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही नहीं करा सकते हैं इसलिए जब भी आप ऑनलाइन शॉपिंग की मदद से सामान मंगाए तो उसकी वीडियोग्राफी जरूर करें।
मौजूद है पर्याप्त कानून भारत के पास ऑनलाइन फ्रॉड व फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ अरे भाई के लिए पर्याप्त कानून मौजूद हैं जहां उपभोक्ता संरक्षण के लिए उपभोक्ता संरक्षण कानून 2019 मौजूद है तो वही साइबर फ्रॉड और धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ 6 साल से लेकर 9 साल तक की सजा का प्रावधान भी मौजूद है। अगर आपको लगता है कि आपके साथ धोखाधड़ी हुई है तो आप थाने में एफ आई आर दर्ज करा सकते हैं वहीं अगर उपभोक्ता के अधिकारों खिलवाड़ किया गया है तो आप उपभोक्ता फोरम में मुकदमा दायर कर सकते हैं उपभोक्ता फोरम आपको मुआवजा दिला सकती है।