भले ही विकास दुबे ने मध्यप्रदेश में मौत के देवता महाकाल के मंदिर में शरण ली। भले ही वह हर साल सावन में महाकाल मंदिर जाता था। लेकिन, इस सावन यहां तक पहुंचने की कहानी कुछ और ही है। विकास दूबे को यूपी पुलिस की 100 टीम और एसटीएफ का पूरा लाव लश्कर तलाश रहा था। लेकिन विकास कानपुर में 8 पुलिसवालों की शहादत लेकर हरियाणा के फरीदाबाद तक पहुंच गया। फरीदाबाद में भी वो सबके सामने आया। लेकिन पुलिस एनकाउंटर तो दूर, उसे छू तक नहीं पाई। एक दम फिल्मी स्टाइल में वो पुलिस को चैलेंज देकर निकल गया। …और पहुंच गया महाकाल मंदिर। सवाल ये भी है कि जब विकास महाकाल मंदिर पहुंचा और दर्शन की पर्ची कटाई तब किसी ने उसे पहचाना क्यों नहीं। गिरफ्तारी से पहले और बाद में आई तस्वीरों में विकास दुबे बिना मास्क नजर आ रहा है। वह खुलेआम घूम रहा था। उसे कोरोना का भी खौफ नहीं। जब विकास खुद चिल्ला-चिल्ला कर अपनी पहचान बता रहा था तब मध्यप्रदेश पुलिस उसे चुप करा रही थी। आखिर क्यों।
बहरहाल, अब उत्तरप्रदेश में इसकी गिरफ्तारी को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। कांग्रेस विकास दुबे का मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से कनेक्शन सामने ला रही है। उत्तरप्रदेश कांग्रेस ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि आप विकास दुबे से जुड़े कुछ तथ्य समझिए, विकास दुबे उज्जैन से गिरफ्तार हुआ, नरोत्तम मिश्रा मध्यप्रदेश के गृह मंत्री हैं, नरोत्तम मिश्रा उज्जैन के प्रभारी मंत्री हैं, नरोत्तम मिश्रा कानपुर चुनाव में प्रभारी थे, विकास दुबे कानपुर का रहने वाला है। मतलब साफ है। उत्तरप्रदेश कांग्रेस के अनुसार विकास दुबे का नरोत्तम मिश्रा से संबंध है। फिलहाल नरोत्तम मिश्रा दुबे की मध्यप्रदेश से गिरफ्तारी पर खुद की पीठ थपथपा रहे हैं।
विकास के राजनीतिक रसूख का अंदाजा इससे भी लगा सकते हैं कि सोशल मीडिया पर उसके कुछ पैरोकार पैदा हो गए हैं। चर्चा छिड़ी है कि उसे सरेंडर कराने में उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के कई बड़े नेताओं की भूमिका है। क्योंकि, वह नहीं चाहते थे कि विकास पुलिस के हत्थे चढ़े और एनकाउंटर में मारा जाए। बहरहाल, अब विकास दुबे पुलिस गिरफ्त में है और रसूखदारों से उसके कनेक्शन भी जगजाहिर हैं। ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में विकास दुबे क्या-क्या खुलासे करता है। जाहिर है विकास की गिरफ्तारी से यूपी के कुछ पुलिस अफसरों और नेताओं का चैन छिन गया है।