लखनऊ: दारोगा ध्यान सिंह यादव का सिर कटा शव मिलने से सनसनी
दारोगा की पहचान और घटना का घटनाक्रम
शव की बरामदगीबक्कास रेलवे स्टेशन के पास गुरुवार को स्थानीय ग्रामीणों ने एक क्षत-विक्षत शव देखा। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
पहले शव को अज्ञात मानकर पंचनामा भरा गया। बाद में गायब उपनिरीक्षक ध्यान सिंह यादव के परिजनों को बुलाया गया, जिन्होंने कपड़ों और अन्य पहचान चिह्नों से शव की पुष्टि की।
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2018 में हुआ था प्रेम विवाह, पर बच्चे नहीं थे
ध्यान सिंह यादव ने 2018 में पुलिस विभाग में कार्यरत महिला आरक्षी से प्रेम विवाह किया था। दंपति का कोई संतान नहीं था। उनका आपसी रिश्ता अच्छा माना जाता था, लेकिन उनकी मौत ने रिश्ते के भीतर तनाव या बाहरी कारणों पर संदेह उत्पन्न किया है।मौत से पहले आखिरी घटनाएं
मकान पर गए थे मजदूरों की पगार देने सेविंग कराने के लिए निकले ध्यान सिंह को खुर्दही में अपने निर्माणाधीन मकान पर जाना पड़ा। वहां उन्होंने राजमिस्त्री और मजदूरों को पगार दी।लखनऊ गैस गोदाम विस्फोट: 6 लोग घायल, अवैध गतिविधियों पर सवाल
फोन पर गाली-गलौज
इसी दौरान उनके मोबाइल पर किसी का फोन आया। बातचीत के दौरान जमकर गाली-गलौज हुई। इसके तुरंत बाद उनका मोबाइल बंद हो गया। नशे की लत और आत्महत्या का दावा, इंस्पेक्टर का बयानइंस्पेक्टर सुशांत गोल्फ सिटी अंजनी कुमार मिश्रा ने बताया कि मृतक नशे का आदी था। घटना के वक्त वह निर्माणाधीन मकान के पास से रेलवे ट्रैक की ओर पैदल गए। लोको पायलट ने बताया कि ध्यान सिंह ने ट्रेन के सामने कूदकर जान दी।
हालांकि आत्महत्या की पुष्टि के लिए बीटीएस और सर्विलांस सेल के माध्यम से जांच जारी है। फोन कॉल्स और घटनास्थल की परिस्थितियां अभी तक स्पष्ट संकेत नहीं देती हैं। कई सवाल खड़े करती है घटना
क्या यह किसी विवाद या धमकी का परिणाम था?
कॉल करने वाले व्यक्ति की पहचान क्यों नहीं हो पाई? नशे की आदत का प्रभाव
क्या नशे की लत ने ध्यान सिंह को मानसिक तनाव में डाल दिया था?
क्या यह आत्महत्या का प्रमुख कारण हो सकता है?
क्या विभागीय तनाव उनकी मौत का कारण बना?
पुलिस और अन्य संस्थानों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
पुलिस जांच और परिवार की प्रतिक्रिया
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पुलिस का रुखलोको पायलट के बयान के अनुसार यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है।
इसके बावजूद, सर्विलांस सेल और बीटीएस की मदद से जांच कई पहलुओं पर की जा रही है।
परिजनों का मानना है कि ध्यान सिंह तनाव में थे, लेकिन उनके चरम कदम उठाने की कोई स्पष्ट वजह नहीं थी। घटना ने पुलिस महकमे को झकझोरा
इस घटना ने पुलिस विभाग के भीतर तनाव, मानसिक स्वास्थ्य और कार्य परिस्थितियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह मामला न केवल व्यक्तिगत समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि एक संस्थागत विफलता की ओर भी इशारा करता है।