मुकदमे के मुताबिक रीता बहुगुणा जोशी कैंट विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी थीं। 17 फरवरी 2012 को शाम करीब 6:50 बजे कृष्णानगर के बजरंग नगर क्षेत्र में जनसभा को संबोधित कर रही थीं। सर्विलांस मजिस्ट्रेट ने इसका वीडियो बनाया और कृष्णानगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने विवेचना कर 12 सितंबर 2012 को रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। 20 फरवरी 2021 को उनके विरुद्ध अदालत ने आरोप तय किए थे।
अदालत ने उनको धारा 126 जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में 6 माह के कारावास एवं ₹1000 रुपये के जुर्माने और धारा 188 भारतीय दंड संहिता में ₹100 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के दौरान अदालत ने रीता बहुगुणा जोशी को हिरासत में ले लिया था। इसके बाद उनकी ओर से दी गई जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए अदालत ने ₹20 हजार के बंधपत्र और इतनी धनराशि बतौर जमानत दाखिल करने पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। जमानतदार उपलब्ध न होने के कारण अदालत में बंध पत्र स्वीकार कर उन्हें अपील दाखिल करने की अवधि तक के लिए रिहा कर दिया है।
थाना कृष्णा नगर में स्टैटिक मजिस्ट्रेट मुकेश चतुर्वेदी ने 17 फरवरी 2012 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रीता बहुगुणा जोशी वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रत्याशी थीं। आरोप लगाया था कि मोहल्ला बजरंग नगर में कांग्रेस प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी प्रचार का समय समाप्त होने के बाद सभा कर रही थीं। पुलिस ने रीता बहुगुणा जोशी, प्रभा श्रीवास्तव, राम सिंह, शकील अहमद, संजय यादव और मनोज चौरसिया के खिलाफ 17 जून 2012 को चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। सुनवाई के दौरान आरोपी शकील अहमद की मौत हो गई थी।