विदेशी कंपनी के नहीं लगेंगे टीके आपको बता दें कि भारत में विदेश की फाइजर और मार्डना कंपनी के टीके लगने की उम्मीद काफी कम है। वहीं जिस तरह से कोल्ड चेन को मेनटेन करने की तैयारी चल रही है, उसे देखकर इस बात की संभावना ज्यादा है कि आक्सफोर्ड यूनिविर्सिटी द्वारा तैयार की जा रही वैक्सीन ही लगाई जाएगी। आपको बता दें कि इस वैक्सीन को ब्रिटेन की फॉर्मा कंपनी एस्ट्रेजेनिका भारत के सीरम इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर तैयार कर रही है। इसके अलावा भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन भी लग सकती है।
पहले स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों को लगेगा टीका यूपी में कोरोना का टीका पहले स्वास्थ्य कर्मियों और बुजुर्गों को लगाये जाने की तैयारी है। सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों से डॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टॉफ का ब्योरा इकट्ठा किया जा रहा है। अब तक करीब सात लाख डॉक्टर और स्टॉफ का ब्योरा जुटा लिया गया है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक पहले स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगेंगे और फिर इन्हीं में से टीका लगाने के लिए स्टाफ चिन्हित किा जाएगा। डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट और लैब टेक्नीशियन की अलग-अलग टीम बनाई जाएगी। 15 दिसंबर तक ये सारी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी।
यूपी में ये तैयारी यूपी ने भारत सरकार से आठ वॉक इन कूलर और चार वॉक इन फ्रीजर मांगे हैं। इसके अलावा 1,610 आइएलआर, 1,430 डीप फ्रीजर, 26,800 वैक्सीन कैरियर और 1,950 कोल्ड बॉक्स मांगे गए हैं। अब तक 730 आइएलआर, 1,040 डीप फ्रीजर, 17,454 वैक्सीन कैरियर अब तक मिल चुके हैं। 22 जिलों में वैक्सीन रखने के लिए 500 वर्ग फीट के कमरे बनाए जा रहे हैं और बाकी जिलों में मरम्मत का काम किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), यूपी के जीएम (टीकाकरण) डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया कि वैक्सीन को रखने के सारे इंतजाम तेजी से किये जा रहे हैं। हम लोग 2.03 लाख लीटर वैक्सीन रखने का इंतजाम कर रहे हैं। हर जिले में कोल्ड चेन प्वाइंट तैयार कर लिए गए हैं।