ये भी पढ़ें- यूपी में नाइट कर्फ्यू लगाने के लिए डीएम स्वतंत्र, इन जिलों में हो सकता है नियम लागू इसलिए बढ़ रही शवों की संख्या- सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने इस पर जानकारी देते हुए बताया कि विद्युत शवदाह गृह पर जो शव अंतिम संस्कार के लिए आ रहे हैं, उनमें कई बाहर के मरीज हैं। मतलब लखनऊ के अतिरिक्त बाहरी जिलों व अन्य राज्यों के भी मरीज यहां आते हैं। यदि किसी की मृत्यु हो रही है तो परिवारजन कोविड प्रोटोकॉल को देखते हुए यहीं अंतिम संस्कार कर रहे हैं। इस कारण शवदाह गृह में कोविड संक्रमित शवों की संख्या ज्यादा है। इसी कारण सरकारी आंकड़ों को देखें, तो 4 अप्रैल को आठ की कोरोना से मौत हुई, लेकिन बैकुंठ धाम के इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में 14 कोविड संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इसी तरह पांच अप्रैल को लखनऊ में पांच की मौत हुई, लेकिन अंतिम संस्कार 18 का हुआ। 6 अप्रैल को सात मरीजों की मौत, लेकिन 22 कोविड संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार हुआ।
ये भी पढ़ें- यूपी कोरोनाः केवल एक हफ्ते में 28971 हुए संक्रमित, आज आए 6,023 मामले, 40 की मौत अव्यवस्था से लोग परेशान- मंगलवार को प्रयागराज मेडिकल कॉलेज से रिटायर्ड डॉ. मिलिंद मुखर्जी की कोविड से मौत हो गई। बुधवार को उनके अंतिम संस्कार के लिए परिजन सुबह से देर रात तक बैंकुंठ धाम भैंसाकुंड के विद्युत शवदाह गृह के बाहर एंबुलेंस में शव के साथ अपनी बारी का इंतजार करते रहे। अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे डीके सिंह ने अव्यवस्था पर गुस्सा जताया। कहा कि यहां दाह संस्कार करने वाले स्टाफ के पास पीपीई किट तक नहीं है। बैकुंठ धाम में विद्युत शव के लिए एक ही मशीन चल रही है, दूसरी बंद है। पंखे भी बंद हैं। रात के वक्त एक ही लाइट जल रही है। वहीं, दूसरे शव लेकर आए लोगों से पता चला कि 16 अंतिम संस्कार के बाद भी करीब 10 और शव अंतिम संस्कार के लिए इंतजार में थे। विद्युत शवदाह गृह के कर्मचारियों ने बताया कि इनका अंतिम संस्कार सुबह पांच बजे तक हो पाएगा।