ये भी पढ़ें- लव जिहाद कानून आने के बाद तीन साल से शादीशुदा जोड़े को पुलिस कर रही परेशान, कोर्ट ने दिया यह आदेश प्रोटोकॉल के तहत टीका लगाने के बाद सभी को 30 मिनट के लिए ऑब्जर्वेशन रूम में रखा गया, जहां किसी में भी वैक्सीन का दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला। सभी लाभार्थियों ने इसकी पुष्टि की व वैक्सीन के सुरक्षित होने का दावा करते हुए सभी से इसे लगवाने की अपील की। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सभी से अपील की कि टीकाकरण के इस अभियान को सफल बनाएं। पूरे देश में यूपी में सर्वाधिक नौ लाख हेल्थ वर्कर्स को पहले चरण में टीका लगाया जाएगा।
टीकाकरण के लिए पहले दिन सूचीबद्ध डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ को मोबाइल पर एसएमएस व फोन कर वैक्सीनेशन की सूचना दी गई। सभी निर्धारित समय सुबह दस बजे अपने-अफने सेंटरों पर पहुंच गए। सभी पहले से माइंडमेकप कर चुके थे, इस कारण किसी के अंदर घबराहट देखने को नहीं मिली। टीका लगवाने के बाद उन्होंने खुद को स्वस्थ करार दिया।
ये भी पढ़ें- 181 वूमेन हेल्पलाइन बंद करने पर हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार से मांगा जवाब टीकाकरण के बाद डॉक्टर बोले- कोई परेशान नहींअलग-अलग केंद्रों में स्वास्थ्य कर्मियों को लगाए गए कोरोना के टीका के बाद सबसे बड़ा चिंता उनपर उसके प्रभाव के लेकर ही थी। हालांकि किसी में इसका दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला। केजीएमयू के डॉक्टर सूर्यकांत त्रिपाठी ने कलाम वैक्सीनेशन सेंटर पर पहली वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों को आश्वस्त किया कि इससे डरने की जरूरत नहीं है। वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित हैं। यदि किसी लाभार्थी को वैक्सीनेशन के बाद कोई दिक्कत आती भी है, तो उसकी भी तैयारी है। अस्पताल में आईसीयू में मरीज को एडमिट कराया जाएगा। इससे निपटने का बैकअप प्लान तैयार है।
ये भी पढ़ें- अब पुणे नहीं भेजा जाएगा कोरोना सैंपल, केजीएमयू में ही नए जीन पर होगी रिसर्च राजधानी में 1100 वर्कर्स को लगा टीका- राजधानी लखनऊ में करीब 51 हजार हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जानी है, हालांकि, पहले दिन कुल 1100 का वैक्सीनेशन हुआ। यह वैक्सीनेशन लखनऊ में केजीएमयू (किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज) के अतिरिक्त एसजीपीजीआई, आरएमएल इंस्टिट्यूट, बलरामपुर, मोहनलालगंज, चिनहट, सीएचसी माल, वीरांगना अवंती बाई, इंदिरा नगर, एरा मेडिकल कॉलेज, सहारा हॉस्पिटल में हुआ। हर केंद्र पर 100-100 लोगों को टीका लगाया गया।