इलाज मिलने में देरी से हो रही मौतें-
विशेषज्ञों का कहना है कि गांवों में इलाज में विलंब होने का कारण लोगों की मृत्यु हो रही है। केजीएमयू के कोविड अस्पताल के अधीक्षक डॉ. जेडी रावत का कहना है कि दूर दराज के जिलों में इलाज की उचित व्यवस्था करके ही मृत्यु दर को कम किया जा सकता है। फिलहाल सीएम योगी के निर्देशानुसार, ग्रामीण इलाकों में संक्रमण की रोकथाम व कोविड प्रबंधन की निगरानी के लिए 21,242 पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं।97,941 गांवों में घर-घर संपर्क कर स्वास्थ्य विभाग की 1,41,610 टीमें कोरोना की जांच करने के साथ ही मेडिकल किट की सुविधा उपलब्ध करा रही है। गांवों में कोरोना को नियंत्रण करना अति आवश्यक है। और योगी सरकार इसके लिए हर प्रयास कर रही है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गांव जा-जाकर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं।
मेरठ समेत कुछ जिलों में अभी भी जीवन रक्षक दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों की कालाबाजारी जारी है, हालांकि पुलिस का कहना है कि वह ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। प्रदेश के एडीजी (कानून व्यवस्था), प्रशांत कुमार ने बताया कि पुलिस ने कार्रवाई कर अब तक 146 लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि इन आरोपियों के पास से 1337 ऑक्सीजन सिलेंडर, 1253 इंजेक्शन, 844 ऑक्सीमीटर, 18 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व 62,33,790 रुपये भी बरामद हुए हैं।
यूपी में बुधवार को कई दिनों बाद बीस हजार से कम कोविड मामले सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में एक दिन में 2,45,986 सैंपल्स की जांच की गई। बुधवार को कोरोना के 18,125 नए मामले सामने आए हैं और 26,712 लोग डिस्चार्ज हुए। राज्य में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 2,06,615 है। अब तक कुल 13,40,251 लोग ठीक हो चुके हैं। रिकवरी रेट 85.7% है।