संदीप सिंह उप्र के प्रतापगढ़ के मूल निवासी हैं। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और जेएनयू से पढ़ाई की है। आइसा से जुड़े रहे हैं। 2007 में जेएनयू में छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रहे हैं। संदीप अन्ना आंदोलन से भी जुड़े रहे हैं। कभी इन्होंने जेएनयू में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह काले झंडे भी दिखाए थे। पिछले दो साल से संदीप राहुल की टीम के कोर मेंबर हैं। उनके लिए भाषण लिखते हैं। प्रियंका के लिए भी जरूरत पडऩे पर यही भाषण लिखते हैं। क्या बोलना है, किस मुद्दे पर बात करनी है सब कुछ यह तय करते हैं। राहुल और प्रियंका के भाषाओं में कारपोरेट विरोधी और गरीब समर्थक रुझान के आंकड़ों की बाजीगरी संदीप के दिमाग का खेल है।
प्रियंका गांधी के यूपी दौरे में उनके साथ हरदम साये की तरह रहते हैं धीरज श्रीवास्तव। धीरज श्रीवास्तव दो महीने पहले तक राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। 1994 बैच के आरएएस अफसर ने इसी फरवरी माह में वीआरएस ले लिया। अब प्रियंका के सलाहकार और निजी सचिव हैं। धीरज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 1998 में ओएसडी थे। 1999-2003 में भी यह गहलोत के साथ रहे। मनमोहन सिंह सरकार में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में तैनात रहे। यह सोनिया गांधी के भी ओएसडी रहे हैं। राजीव गांधी फाउंडेशन से जुडऩे के बाद प्रियंका ने इनके कामों को देखा और अब अपना निजी सचिव बना लिया है।
प्रशांत किशोर की कंपनी सिटीजन फॉर एकाउंटेबल गवर्नेंस (सीएजी) के को-फाउंडर और इंडियन पॉलिटिकल ऐक्शन कमिटी (आई-पीएसी) से जुड़े रॉबिन शर्मा प्रियंका गांधी के चुनावी अभियान के सलाहकार हैं। यह नेता एप के डेवलपर हैं। 2014 में रॉबिन ने ही ‘चाय पे चर्चा’, 2015 में ‘हर घर नीतीश, हर मन नीतीश’ और 2017 राहुल की ‘खाट सभा’ अभियान को अंजाम दिया था। रॉबिन शर्मा 2017 में उप्र में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए काम कर चुके हैं। अब वह कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। प्रियंका के लिए चुनावी रणनीति बनाने का जिम्मा इन पर है।
प्रियंका की टीम में एक और सख्श की अहम भूमिका रहती है यह हैं वरद पांडे। पांडे यूपीए शासन के दौरान ग्रामीण विकास मंत्री रहे जयराम रमेश के स्पेशल एडवाइजर थे। इन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। प्राइम मिनिस्टर रूरल डेवलपमेंट फेलो प्रोग्राम, निर्मल भारत अभियान और आधार को जी2पी पेमेंट्स से जोडऩे जैसी योजनाओं में इनका अहम योगदान था। वरद पांडे की टीम में सीएजी और आईपीएसी से जुड़े कुछ लोग भी शामिल हैं। इनमें बड़ा नाम भरत शर्मा का है।
प्रवीण चक्रवर्ती कांग्रेस के डाटा एनालिस्ट विभाग के अध्यक्ष हैं। यह कांग्रेस ग्रीवेंस सेल की प्रभारी अर्चना डालमिया के साथ प्रियंका की टीम के अहम सदस्य हैं। अर्चना सोनिया गांधी की करीबी रही हैं और अब प्रियंका के साथ काम कर रही हैं। इन दोनों का कार्य प्रियंका गांधी को उनके दौरे से पहले सभी संसदीय क्षेत्रों की अहम जानकारियां जुटाना है। प्रियंका को किन मुद्दों पर बोलना है कहां पर किससे मिलना है और उनसे क्या बात करनी है। यह टीम इन जानकारियों को जुटाती है।
प्रियंका गांधी को पूर्वी उप्र का प्रभारी और कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त करते समय ही तीन सलाहकारों की घोषणा की गयी थी। इनमें सचिन नाइक, कुमार आशीष और जुबेर खान का नाम शामिल था। बाद में कई आरोपों के चलते कुमार आशीष की छुट्टी कर दी गयी। और टीम में नया नाम जोड़ा गया बाजीराव कांटे का। इनमें नाइक कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हैं। इन तीनों का काम प्रियंका के प्रभार वाले पूर्वी उप्र के जिलों के कांग्रेस पदाधिकारियों से समन्वय और यहां के राजनीतिक आंकड़े एकत्र करना है।