अमेठी से क्यों चुनाव हार गये राहुल गांधी, कमल खिलाने में सफल रहीं स्मृति, ये हैं 6 बड़े कारण
23 जनवरी को नियुक्त हुई थीं कांग्रेस प्रभारीप्रियंका गांधी वाड्रा को इसी साल 23 जनवरी को कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी नियुक्त किया गया था। उसके बाद उन्होंने यूपी में धुआंधार रैलियां, रोड शो और चुनाव प्रचार किया, बावजूद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। पूरी पार्टी उत्तर प्रदेश की 80 में से सिर्फ रायबरेली की ही सीट जीत सकी। चुनाव परिणाम के बाद प्रियंका गांधी और दिग्गज कांग्रेसी नेता बैठकों के जरिये लगातार हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने बताया कि अभी समीक्षा बैठकों का दौर चल रहा है। ईमानदार और मेहनती कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की लिस्ट तैयार की जा रही है, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी काम किया है। विधानसभा चुनाव के दौरान उनका ख्याल रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी संभवतया होली के बाद से प्रियंका गांधी सूबे के सभी जिलों में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगी।
यूपी में महागठबंधन बेअसर, प्रियंका का भी नहीं चला जादू
यूपी में अकेले चुनाव लड़ेगी कांग्रेसहार की समीक्षा बैठकों में यह निकलकर सामने आया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस यूपी में किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी ने अपने दम पर 2022 का चुनाव लड़ेगी। बीते दिनों कांग्रेस के पश्चिमी यूपी प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कहा था कि कांग्रेस को मजबूत करना हमारी एकमात्र प्राथमिकता है। 2022 का विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने की तैयारी करेंगे।