मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 14 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए थे। 30 अप्रैल को रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद वह ग्राउंड जीरो पर गए, हालांकि होम आइसोलेशन के दौरान भी वह वर्चुअल माध्यम से अधिकारियों संग समीक्षा बैठक करते रहे। समाज के विभिन्न तबकों के साथ भी संवाद स्थापित करते रहे। कोरोना से ठीक होने के बाद तुरंत वह अधिकारियों संग जमीन पर उतरे। लखनऊ में उन्होंने डीआरडीओ की ओर से बनाए गए डेडिकेटेड कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया था।
अपनी संभागीय समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, पुलिस अधिकारियों, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रयासों की प्रशंसा की और उन्हें लोगों के कल्याण के लिए काम करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री ने स्थिति का जायजा लेने के लिए एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्रों का औचक निरीक्षण भी किया। इस बीच उन्होंने निगरानी समितियों से मुलाकात की और कंटेनमेंट जोन के लोगों से बातचीत की।
सीएम ने कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट फॉर्मूले के पालन पर जोर दिया। उन्होंने न केवल जिलों का दौरा किया और अधिकारियों से जमीनी रिपोर्ट ली बल्कि अस्पतालों का भी दौरा किया और मरीजों से बातचीत की। उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत करने के लिए गांवों का भी दौरा किया और होम आइसोलेशन में लोगों से भी मुलाकात की। उन्होंने होम आइसोलेशन में लोगों को दवा किट के वितरण की समीक्षा की और तीसरी लहर के लिए की जा रही व्यवस्थाओं का भी निरीक्षण किया।