यह भी पढ़ें – मरीज करता मोबाइल पर मम्मी-पापा से वीडियो चैट, डॉक्टरों ने खोल दिया सिर, ब्रेन ट्यूमर बाहर निकाला, हिला देने वाली सर्जरी
हाईकोर्ट (Allahabad Highcourt) ने दिखाई सख्ती
नो वेंडिंग जोन में पटरी दुकानें लगने और इसकी वजह से जाम आदि की समस्या उत्पन्न होने के मुद्दे पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। कोर्ट ने अधिकारियों को शहर में पटरी दुकानदारों का क्षेत्र तय करने और अनधिकृत स्थानों पर दुकानें न लगने देने के निर्देश दिए हैं। इस मुद्दे पर तीन माह में कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। अदालत ने इस मामले में जिला प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों को नगर निगम को सहयोग करने को कहा है। अदालत ने कहा इस कवायद के पूरा होने पर लखनऊ के जिलाधिकारी, (District Magistrate of Lucknow) पुलिस व नगर निगम के अफसर यह सुनिश्चित करेंगे कि नो वेंडिंग जोन में कोई भी दुकान न लगा सके। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त नियत करते हुए कहा कि नगर निगम को तीन माह का समय दिया जाता है जिस अवधि में वह पटरी दुकानों के संबंध में दिए गए आदेशों पर अमल करे। कोर्ट ने अगली सुनवाई में इस पर होने वाले अमल की विस्तृत रिपोर्ट पेश दिए जाने के आदेश दिए। न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी व न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने यह आदेश लखनऊ, पटरी दुकानदार कल्याण समिति (Welfare committee) की याचिका पर दिए। याचिका में कहा गया कि नगर निगम (Nagar Nigam) ने पटरी दुकानदारों को लेकर वेडिंग व नॉन वेंडिंग जोन का प्रस्ताव जरूर दिया हुआ है पर अभी तक इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है।
40 वर्ष तक की आयु के कामगार 15 फरवरी से ही प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) योजना से जुड़ सकते हैं। यह योजना रेहड़ी-पटरी लगाने वालों, रिक्शा चालक, निर्माण कार्य करने वाले मजदूर, कूड़ा बीनने वाले, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा, कृषि कामगार, मोची, धोबी, चमड़ा कामगार और इसी प्रकार के अनेक अन्य कार्यों में लगे असंगठित क्षेत्र के कामगारों को कवर करेगी।
– इस मेगा पेंशन स्कीम से जुड़ने के लिए असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मी की आय 15,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। एलिजिबल व्यक्ति का सेविंग बैंक अकाउंट और आधार नंबर होना चाहिए।
– वर्कर की उम्र 18 साल से कम और 40 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
– पहले से ही केंद्र सरकार की सहायता वाली किसी अन्य पेंशन स्कीम का सदस्य होने पर वर्कर मानधन योजना के लिए पात्र नहीं होगा।
– अपने हिस्से का योगदान करने में चूक होने पर पात्र सदस्य को ब्याज के साथ बकाए का भुगतान करके अपने योगदान को नियमित करने की अनुमति होगी। यह ब्याज सरकार तय करेगी।
– यदि सब्सक्राइबर जुड़ने की तारीख से 10 साल के अंदर स्कीम से निकलने का इच्छुक है तो केवल उसके हिस्से का योगदान सेविंग बैंक की ब्याज दर पर उसे लौटाया जाएगा।
– यदि सब्सक्राइबर स्कीम से 10 साल बाद लेकिन 60 साल की उम्र से पहले निकलता है तो उसे पेंशन स्कीम में कमाए गए वास्तविक ब्याज के साथ उसके हिस्से का योगदान लौटाया जाएगा।
– किसी कारण से यदि सब्सक्राइबर की मौत हो जाती है तो उसके जीवनसाथी के पास स्कीम को चलाने का विकल्प होगा। इसके लिए उसे नियमित योगदान करना होगा।
– सब्सक्राइबर और उसके जीवनसाथी की मौत हो जाने की दशा में रकम को वापस फंड में क्रेडिट कर दिया जाएगा।
– यदि सब्सक्राइबर 60 साल की उम्र से पहले अस्थायी रूप से विकलांग हो जाता है और स्कीम में योगदान करने में समर्थ है तो उसके पास स्कीम के वास्तविक ब्याज के साथ अपने हिस्से का योगदान लेकर स्कीम से निकलने का विकल्प होगा।
– उन वर्षों के दौरान जब सब्सक्राइबर को पेंशन मिलेगी, तब जीवनसाथी को उसमें से 50 फीसदी लेने का हक होगा। सब्सक्राइबर की मौत के बाद बच्चों को पेंशन बेनिफिट लेने का हक नहीं होगा।
– स्कीम में 3,000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन का प्रावधान है। यह पेंशन सब्सक्राइबर को 60 साल की उम्र के बाद मिलेगी।