उच्च स्तरीय जांच कराने का निर्देश अयोध्या में 20 सितंबर को मीटर रीडिंग बैक एवं मीटर में चिप लगाने वाले गैंग का खुलासा हुआ। गैंग के पास 600 पुराने मीटर और 230 नए मीटर मिले । ये मीटर विभिन्न मीटर निर्माता कंपनियों से विद्युत वितरण निगम को आपूर्ति किए गए हैं । विभागीय अधिकारी मामले को दबाने की फिराक में थे, लेकिन शुक्रवार को यह प्रकरण पावर कॉरपोरेशन तक पहुंच गया। कारपोरेशन अध्यक्ष डॉ आशीष गोयल ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के लिए जारी किए गए मीटर संबंधित व्यक्ति तक कैसे पहुंचे इसकी जांच की जाएगी। जो भी दोषी मिला उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अभियंताओं की मिलीभगत का मिला प्रमाण
राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाया है कि यह बिजली अभियंताओं की मिलीभगत का प्रत्यक्ष प्रमाण है। जिस तरह से गैंग के सरगना के मोबाइल में बिजली कर्मियों, संविदा कर्मियों के बडी संख्या में मोबाइल नंबर मिले हैं, उस तस्वीर अपनेे आप साफ हो जा रही है। ऐसे में स्टोर से जिन अभियंताओं को मीटर जारी किया गया। उन पर करवाई हो।
गैंग के पास पास नए और पुराने गैंग के पास लगभग 600 मीटर पुराने और लगभग 230 नए मीटर मिले हैं। इसका मतलब यह हुआ कि गिरोह पूरे उत्तर प्रदेश में फैला हुआ है । सबसे चौंकाने वाला मामला यह है की गैंग के पास लगभग 800 प्लास्टिक सील पाई गई जिसमे बड़ी संख्या में बिजली कंपनियों के नाम अंकित थे। अलग से केवल से कटे हुए विभिन्न बिजली कंपनियों के मीटर जिसमें मध्यांचल पूर्वांचल व दक्षिणांचल लिखे हुए पाए गए ।वहां 400 चिप पाई गई है। बडी संख्या में रिमोट और कुछ डुप्लीकेट सील पाए गए ।
पावर कॉरपोरेशन जांच के नाम पर मामले को उलझाने का प्रयास
स्टोर से मिलान होते ही खुल जाएगा मामला ,राज्य उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाया कि पावर कॉरपोरेशन जांच के नाम पर मामले को उलझाने का प्रयास कर रहा है। पूरे प्रकरण की तस्वीर साफ है। स्टोर से किस अभियंता को बिजली का मीटर अलर्ट किया गया इसकी सूची बनवा जाए। उसे अभियंता ने उपभोक्ता के बजाय गैंग तक कैसे पहुंचा यह सुनिश्चित कर आसानी से जिम्मेदारी तय की जा सकती है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री हर बैठक में कार्मिकों को कर प्रणाली सुधारने की नसीहत दे रहे हैं लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण अयोध्या का मीटर प्रकरण है।