स्त्रीणां दि्वगुण आहारो बुदि्धस्तासां चतुर्गुणा।
साहसं षड्गुणं चैव कामोष्टगुण उच्यते।। यह भी पढ़े – आपके ये तीन हितैषी भी बन सकते हैं मौत की वजह, जानिए क्या कहती है चाणक्य नीति
पहले गुण में आचार्य बताते हैं कि ‘स्त्रीणां दि्वगुण आहारो’ इसका मतलब है कि महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कई गुना अधिक भूख लगती है। वो खाने के मामले में पुरुषों से आगे रहती हैं। चाणक्य ने अपनी इस नीति में बताया है कि महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले दोगुना ज्यादा भूख लगती है।
महिलाओं के दूसरे गुण के बारे में बताते हुए चाणक्य ने अपनी नीति में कहा है कि महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा चालाक होती हैं। पुरुषों से अधिक समझदार होती हैं। महिलाएं जीवन की मुश्किल से मुश्किल परिस्थियों से अपनी बुद्धिमानी से आसानी से निकल जाती हैं। अमूमन ऐसा सोचा जाता है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुष अधिक साहसी होते हैं।
चाणक्य नीति अनुसार महिलाओं में पुरुषों से 6 गुना ज्यादा साहस होता है। महिलाएं किसी भी परिस्थिति से घबराती नहीं हैं। इसीलिए महिलाओं को शक्ति स्वरूप माना गया है।