राज्यपाल ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के समय उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को सार्वभौमिक बनाने की दिशा में राज्य सरकार का दायित्व और अधिक बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा में तेजी से आये बदलाव के कारण उच्च शिक्षा की गुणवत्तापरक वृद्धि के सत्त प्रयासों के लिए तकनीकी संसाधनों का प्रयोग भी आवश्यक होगा। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में आॅनलाइन शिक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा। शिक्षा की गुणवत्ता राष्ट्र के विकास में सहायक होती है। इसलिये गुणवत्तायुक्त शिक्षा के प्रति सजग रहना होगा।
Anandiben Patel ने कहा कि महाविद्यालयों की सम्बद्धता के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया जाना चाहिए। अधिकतम 300 महाविद्यालयों को ही विश्वविद्यालय द्वारा सम्बद्धता दी जानी चाहिए, जबकि एक-एक विश्वविद्यालय से एक हजार से अधिक महाविद्यालय सम्बद्ध हैं, ऐसी स्थिति में कुलपति कैसे नियंत्रण कर सकेंगे। Governor ने कहा कि विश्वविद्यालयों में भरे हुए पदों के आधार पर ही नैक मूल्यांकन किया जाता है। संविदा पर नियुक्त शिक्षक नैक मूल्यांकन के मापदण्ड में नहीं आते हैं। इसलिये शत-प्रतिशत शिक्षकों के पदों को भरा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेद की बात है कि किसी भी विश्वविद्यालय में शत-प्रतिशत अध्यापक नहीं है। इस पर उच्च शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय को गम्भीरता से विचार करना चाहिए।
Governor ने कहा कि कुलपति की नियुक्ति राजभवन से होती है और रजिस्ट्रार, कंट्रोलर और वित्त अधिकारी की नियुक्ति उच्च शिक्षा विभाग द्वारा होती है। ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षा विभाग के मध्य सहज संबंध अति आवश्यक है। Governor ने कहा कि विश्वविद्यालयों की समस्यायें जैसे नये कोर्स को मान्यता देने, नियुक्ति एवं पदोन्नति की स्वीकृति देना शासन का कार्य है। उन्होंने कहा कि कुलपति और शासन के अधिकारियों के बीच परस्पर समन्वय का वातावरण बने, इसलिये यह आवश्यक है कि एक निश्चित दिवस पर दो या तीन विश्वविद्यालयों के अधिकारियों को बुलाकर उनकी समस्याओं को समझकर उचित समाधान किया जाए।
Anandiben Patel ने उच्च शैक्षिक संस्थानों के नियमन पर अपने विचार रखते हुए कहा कि प्रमुख शैक्षिक प्रशासक जैसे कि कुलपति, कुलसचिव, वित्त अधिकारी एवं परीक्षा नियंत्रक के चयन में पारदर्शिता एवं गुणवत्ता सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि चयन हेतु राज्य सरकार एवं विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशों का अनुपालन अवश्य किया जाये। उन्होंने कहा कि कुलपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होना चाहिए। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के बारे में उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम तीन-चार वर्षों में निरन्तर अद्यतन करने का प्रावधान होना चाहिए।Governor ने कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय के पास उद्योग से जुड़ने हेतु इण्डस्ट्री एकेडमिक सेल होना चाहिए, जो शिक्षकों एवं छात्रों को उद्योग प्रक्रियाओं में सम्मिलित करने का कार्य करें।
उन्होंने कहाकि अधिकांश राज्य विश्वविद्यालयों में नियुक्ति की कोई संस्थागत व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण प्रमोशन व नियुक्तियां वर्षों अटकी रहती हैं। उन्होंने कहा कि सभी राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा नियुक्ति व प्रोन्नति के लिए यूजीसी रेगुलेशन 2018 को स्वीकार करते हुए अपनी परिनियमावली में संशोधन कर एक रिक्रूटमेन्ट सेल का गठन किया जाना चाहिए ताकि कार्य में पारदर्शिता के साथ गति भी मिले। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षा विभाग के मध्य सहज संबंध उनकी बेहतरी के लिये आवश्यक है। राज्यपाल ने कहा कि छात्रों एवं शिक्षकों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध कायम रखना आवश्यक है। इसलिये विश्वविद्यालयों की विभिन्न समितियों में छात्रों को सम्मिलित किया जाना चाहिए और उनके माध्यम से कार्यक्रम आयोजित कराये जाने चाहिए। इससे छात्रों में व्यावहारिक अनुभव के साथ आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के 20 राज्य विश्वविद्यालयों में से कोई भी विश्वविद्यालय ‘ए’ गे्रड में नहीं है। सिर्फ 06 विश्वविद्यालय ही नैक संस्था से मूल्यांकित हैं। 159 राजकीय महाविद्यालयों में से भी कोई ‘ए’ श्रेणी में नहीं हैं। मात्र 29 नैक मूल्यांकित हैं, यह आदर्श स्थिति नहीं है।
उपमुख्यमंत्री ने भी रखी अपनी बात इस अवसर पर Deputy Chief Minister Dr. Dinesh Sharma ने वेबिनार में कहा कि उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता लाने के लिए राष्ट्र का दृढ़ संकल्प है। कोविड-19 के दौरान भी उच्च शिक्षा को प्रभावित नहीं होने दिया गया। विभिन्न विषयों पर शिक्षकों द्वारा ई-कन्टेन्ट तैयार कर छात्रों को आॅनलाइन, व्हाट्सअप और यू-ट्यूब के माध्यम से उपलब्ध कराया गया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फेमवर्क (एन.आई.आइस अवसर पर Deputy Chief Minister Dr. Dinesh Sharma ने Webinars में कहा कि उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता लाने के लिए राष्ट्र का दृढ़ संकल्प है। कोविड-19 के दौरान भी उच्च शिक्षा को प्रभावित नहीं होने दिया गया। विभिन्न विषयों पर शिक्षकों द्वारा ई-कन्टेन्ट तैयार कर छात्रों को आॅनलाइन, व्हाट्सअप और यू-ट्यूब के माध्यम से उपलब्ध कराया गया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फेमवर्क (एन.आई.आर.एफ) में स्थान प्राप्त करने का प्रयास करें।