इस मामले में बक्सर के चौसा के बीडीओ अशोक कुमार का कहना है कि कि यहां पर करीब 40 से 45 लाशें पाई गई, जो अलग अलग जगहों से बहकर महदेवा घाट पर आकर एकत्रित हो गई हैं। उन्होंने बताया कि ये लाशें हमारे प्रदेश की नहीं हैं। हम लोगों ने एक चौकीदार लगा रखा है, जिसकी निगरानी में लोग शव जला रहे हैं। ऐसे में ये शव उत्तरप्रदेश से बहकर आ रहे हैं और यहां पर एकत्रित हो रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि यूपी से आ रही लाशों को रोकने का कोई उपाय नहीं है। ऐसे में हम इन लाशों के निष्पादन की तैयारी में लगे हुए है।
ये भी पढ़ें – AMU में 20 दिन में 19 प्रोफेसर की Corona मौत, कुलपति ने जताई कोविड-19 की नई किस्म से मौतों की आशंका
लोगों ने प्रशासन पर लगाया नाकामी का आरोप
इस मामले के दूसरे पहलू पर गौर किया जाए तो कोरोना बक्सर सहित अनेक जिलो में फैल चुका है। लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण यहां रोज 100 से 200 लोग आते हैं और लकड़ी की व्यवस्था नहीं होने के कारण लाशें गंगा में ही फेंक देते हैं, जिससे कोरोना संक्रमण फैलने का डर बना हुआ है। जबकि प्रशासन कोई भी मदद नहीं कर रहा है। हालांकि एसडीएम सदर केके उपाध्याय ने भी यही कहा कि “ये बिहार की नहीं उत्तर प्रदेश की लाशें हो सकती हैं क्योंकि हमारे यहां लाशें जलाने की परंपरा है। फिलहाल लोगों का सीधा आरोप प्रशासन की नाकामी की तरफ इशारा कर रहा है।