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लखनऊ

बुंदेलखंड गौरव महोत्सव में लोगों ने जालौन के इतिहास से हुए रूबरू,तस्वीरों में दिखी खूबसूरती

रोमांच, योग-ध्यान और ज्ञान का अनूठा संगम प्रस्तुत करने वाला बुंदेलखंड गौरव महोत्सव पहुंचा जालौन

लखनऊFeb 01, 2024 / 10:46 pm

Ritesh Singh

बुंदेलखंड गौरव महोत्सव

बुंदेलखंड गौरव महोत्सव

एक वकील जो रामलीला के मंच पर हमेशा रावण बना, आदर्शों पर चला और इस कदर प्रभावित हुआ कि रावण के नाम पर मीनार बनवा दी। ऐसी मीनार जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई और अब लोगों के आकर्षण का केंद्र है। ऐसी की अनोखी और हैरान कर देने वाली जानकारी जब बुंदेलखंड गौरव महोत्सव के पहले दिन पर्यटकों को पता चली तो वह हैरान रह गए।
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जालौन में चल रहे महोत्सव के पहले दिन लोगों ने योग से लेकर हेरिटेज वॉक, टेथर्ड फ्लाइट्स के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लिया। महोत्सव में हॉट एयर बलून में लोगों ने उंचाई से शहर का खूबसूरत नजारा लिया, साथ ही जनपद के अन्य ऐतिहासिक स्थलों को देखा। हेरिटेज वॉक के जरिये काल्पी किला, महर्षि वेदव्यास की जन्मस्थली और लंका मीनार के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
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पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि महोत्सव की शुरुआत राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में सुबह हॉट एयर बैलून से हुई। सुबह पर्यटकों ने आकाश की ऊंचाइयों से अपने शहर और गांवों को कोहरे लिपटे देखा। इसपर बैठने को लेकर लोगों में विशेष रोमांच देखने को मिला। इसके बाद योग और ध्यान कराया गया। इंदिरा स्टेडियम में लगभग 200 लोगों ने योगाभ्यास कर स्वस्थ तनकृमन का राज जाना। राजकीय इंटर कालेज में शाम को भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें राई नृत्य और गायन, उत्तर प्रदेश का नृत्य और लोकप्रिय गायन हुआ और म्यूजिक बैंड की प्रस्तुति हुई।
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जयवीर सिंह ने बताया कि जालौन में आयोजित हेरिटेज वॉक के पहले दिन पर्यटकों को हैरान करने वाली कई जानकारी मिली। हेरिटेज वॉक के दौरान जंगल से घिरे कालपी फोर्ट के बारे में बताया गया कि कैसे वहां पर रानी लक्ष्मीबाई और तात्या टोपे अंग्रेजों से संघर्ष करते हुए 1858 में ग्वालियर की ओर रवाना हुए। जंगल से घिरा होने के कारण यह किला क्रांतिकारियों के छिपने और हमला करने के लिए सबसे अच्छी जगह था। किले से कुछ दूरी पर स्थित व्यास जी का मंदिर है। इसके बारे में जानने को लेकर पर्यटकों में विशेष आकर्षण देखने को मिला।
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उन्हें बताया कि नदी के किनारे बने महार्षि वेद व्यास जी ने गणेश भगवान की मदद से विश्व के सबसे बड़ा महाकाव्य की रचना की थी। कहते हैं कि लिखते-लिखते जब उनकी कलम टूट गई तो उन्होंने दांत तोड़कर कलम के रूप में इस्तेमाल किया और इसे पूरा किया। मंदिर के बाहर नीम के पेड़ पर गणेश जी आकृति उभरी है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि व्यास जी बोल रहे हैं और गणेश भगवान लिख रहे हैं।
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पर्यटन मंत्री ने बताया कि जालौन के प्रसिद्ध वकील मथुरा प्रसाद निगम ने 1850 से 1875 के बीच में लंका मीनार का निर्माण करवाया था। इसकी ऊंचाई लगभग 225 फीट है। मीनार कौड़ी, केसर, चना, गुड़ उड़द दाल और रसायनिक मिश्रित चीजों से मिलकर बनी हैं। इसे बनाने की कहानी भी रोचक है। वकील होने के साथ ही मथुरा प्रसाद रामलीला में नाटक करते थे। वहां उन्हें रावण का किरदार निभाने को मिलता। रावण से वह बहुत प्रभावित थे। इन्हीं कारणों से उन्होंने इसके निर्माण का फैसला किया। इसके चारों रावण का परिवार दर्शाया गया है।
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नीचे कुम्भकरण, मेघनाथ, जनक वाटिका, धनुष यज्ञ, राम रावण सेना, नाग नागिन जोड़ा तथा पलंका में अयोध्या पुरी, मथुरापुरी सीता किचन बना है। यहां हर साल नांग पंचमी का मेला और दंगल का आयोजन होता है। सबसे खास बात इस मीनार की यह है कि इसमें भाई-बहन साथ नहीं जाते क्योंकि यह सात खंड में बना है। हर खंड एक चक्कर के समान है और सबसे ऊपर पहुंचने पर सात चक्कर होते हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार सात फेरे पति-पत्नी लेते हैं।
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पर्यटन मंत्री ने बताया कि राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में शाम करीब 6.30 से सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। राई लोक नृत्य और गायन, उप्र का नृत्य, लोकप्रिय गायन सहित अन्य आयोजन हुए, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया। इसके साथ ही राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में ही शाम लगभग 6.30 से रात 7.30 बजे तक टेथर्ड फ्लाइट्स का आयोजन हुआ। करीब 250 पर्यटकों ने इस भव्य आयोजन का आनंद लिया।
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जयवीर सिंह ने बताया कि बुंदेलखंड गौरव महोत्सव अब इस क्षेत्र के विभिन्न शहरों-जालौन, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट और कालिंजर बांदा में जारी रहेगा। प्रत्येक गंतव्य अपने अनूठे आकर्षण को प्रस्तुत करेगा, जिसमें ऐतिहासिक स्थलों, पारंपरिक कला रूपों, स्वादिष्ट व्यंजनों और अनूठे अन्दाज़ में स्वागत से आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर देगा। महोत्सव स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और कलाकारों के लिए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने, बुंदेलखंड की सांस्कृतिक विरासत में योगदान और उसको बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है।
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पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि बुंदेलखंड गौरव महोत्सव का आयोजन बुंदेलखंड के सातों जिलों में होना है। जालौन इस भव्य महोत्सव का साक्षी बनने वाला तीसरा जिला हैं, इसके पहले झांसी और ललितपुर में आयोजन हो चुका है। जालौन वह सौभाग्य शाली जनपद है, जहां पर महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। हम आमजन को महर्षि वेद व्यास के चारों वेदों समेत उपनिषद के लिए दिए गए योगदान को जनता तक पहुंचाना चाहते हैं।

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