युवा वोटरों पर निशाना लोगों की माने तो लोकसभा चुनाव 2014 के चुनाव परिणाम को भूलकर बहुजन समाज पार्टी मिशन 2019 के लिए पूरी तरह जुट गई है। वहीं युवा वोटरों की अच्छी संख्या देखते हुए
मायावती ने मिशन 2019 के लिए खास रणनीति तैयार की है। मायावती ने टीम युवा को इस मिशन की जिम्मेदारी सौंपी है। नीले खेमे की टीम युवा आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है।
सूत्रों का कहना है कि मायावती लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियों में कोई चूक नहीं चाहती हैं। इसलिए मंडलीय रैलियां समाप्त होने के बाद लखनऊ में बड़ी रैली करने पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है।
हार के बाद अब लोकसभा चुनाव के लिए जुटी मायावती इसके साथ ही बसपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए भी अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की तैयारी भी शुरू कर दी है। 2012 में सत्ता से हटाने के बाद उसका ग्राफ काफी तेजी से गिरा। लोकसभा चुनाव 2014 में बसपा की सारी रणनीति बेकार साबित हुई और एक भी उम्मीदवार नहीं जीत सका। बसपा को उम्मीद थी कि अखिलेश सरकार की नाराजगी का फायदा उसे 2017 के विधानसभा चुनाव में मिलेगा और वह सत्ता में आएगी। मगर हुआ इसके ठीक उल्ट, बसपा को मात्र 19 विधायकों से ही संतोष करना पड़ा। लोकसभा व विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार का असर यह हुआ कि बसपा के बड़े नेता उससे छिटक कर दूसरी पार्टियों में चले गए या नेतृत्व के खिलाफ आवास उठाने पर उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। पर अब मायावती पूरे जोरो शोरों के साथ लोकसभा २०१९ के चुनाव के लिए पूरी तरह से जुट गई है।