बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र पार्टी के न केवल एक मात्र बड़े नेता हैं बल्कि पार्टी में ब्राह्मण जाति का चेहरा भी माने जाते हैं। मुख्यमंत्री से मिलने के बाद पार्टियों के कार्यकर्ताओं में खलबली मच गई। बसपा प्रमुख मायावती ने जब प्रेसवार्ता की बुलाई तो लोगों को यकीन होने लगा कि बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र और इकलौते विधायक उमाशंकर सिंह भी भाजपा में जा रहे हैं। लेकिन बाद में बताया गया कि मुख्यमंत्री से स्मारकों को और बेहतर बनाने और विकास कार्यों को लेकर चर्चा के लिए मुलाकात की।
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कोरोना के बदल रहे लक्षण, संक्रमितों की बढ़ती संख्या में क्या फिर से लग सकता लॉकडाउन यूपी में बीएसपी का बड़ा ब्राह्मण चेहरा सतीश चंद्र सतीश चंद्र मिश्रा ने 2007 में उत्तर प्रदेश में मायावती की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई है। बसपा में उनकी हैसियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बसपा में वह मायावती दाहिने हाथ माने जाते हैं। मायावती सभी बड़े राजनीतिक फैसले लेने में उनकी राय जरुर लेती हैं।
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अखिलेश ने बिठा दिया था फलक पर, योगी सरकार ने 106 जेई के लिए ले लिया ये फैसला विधायक उमाशंकर भी रहे मौजूद बहुजन समाज पार्टी (BSP) के खाते में महज एक सीट विधानसभा चुनाव 2022 की यह जीत न सिर्फ उमाशंकर सिंह के लिए खास है, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में अलग चर्चा का विषय भी बनी हुई थी। बलिया के रसड़ा के विधायक भी मुख्यमंत्री की मुलाकात में शामिल रहे। बीजेपी में शामिल होने की चर्चाओं में ये भी आगे रहे।
फिर मुख्यमंत्री बना सकता है मेरा वोट बैंक मायावती ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि अगर मेरा दलित वोटर चाहे तो दोबारा मुझे मुख्यमंत्री बना सकता है। मैं बाबा साहेब निर्देशों पर चलकर आगे बढ़ रही हूं। सपा पार्टी जबरन मुझे राष्ट्रपति बनाने के लिए प्रयास कर रही हैं। मैंने स्मारकों की खस्ता हालात में सीएम को चिट्ठी भेजा। साथ ही सतीशचंद्र और उमाशंकर को भेजा।