प्रदेश में नर्सिंग व पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी बता दें कि 2017 से पहले तक नर्सिंग और पैरा मेडिकल को नजरअंदाज किया जाता रहा है। जिसके कारण सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हमेशा से योग्य नर्सिंग और पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी रही है। यहां तक की प्रदेश में 35 सरकारी मेडिकल कालेज और निजी क्षेत्र में कुल 30 मेडिकल कालेज हैं। इनमें पैरा मेडिकल स्टाफ खासतौर पर नर्सों की कमी है। जिसे देखते हुए भारी संख्या में नर्सिंग स्टाफ केरल व कर्नाटक से प्रदेश में आता है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तय किया है कि नीट की तर्ज पर ही बीएससी नर्सिंग कालेजों की एक साथ पूरे प्रदेश में एक ही प्रवेश परीक्षा कराई जाएगी।
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प्राइवेट कॉलेज की मनमानी खत्म: अब हर कोर्स के हिसाब से होगी फीस, UP सरकार की लिस्ट जारी प्रवेश प्रक्रिया नए सिरे से तय करने के निर्देश गौरतलब है कि हर बार की तरह इस बार भी पहले केजीएमयू अपने स्तर से अलग प्रवेश परीक्षा कराने जा रहा था, जिसे सीएम ने उच्चस्तरीय बैठक के बाद रोक दिया। मुख्यमंत्री को इन नर्सिंग कालेजों में प्रवेश के तरीके, पाठ्यक्रम, शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर आपत्ति थी। सीएम ने चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार को इसके लिए पूरी प्रक्रिया नए सिरे से तय करने के निर्देश दिए है। जिसके तहत ये तय किया गया है कि अब से सभी निजी एवं सरकारी नर्सिंग कालेजों की परीक्षा एक साथ कराई जाएगी।
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लखनऊ यूनिवर्सिटी ने PhD करने वालों के लिए बदला नियम, अब छात्रों को मिलेगा बड़ा फायदा मेडिकल कालेज में बीएससी नर्सिंग कालेज हो वहीं इस मामले पर चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार का कहना है कि योगी सरकार की योजना है कि हर सरकारी मेडिकल कालेज में बीएससी नर्सिंग कालेज स्थापित किया जाए। इस काम में कार्ययोजना बनाकर तेजी लाई जाएगी। फिलहाल बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई के लिए सात जिलों प्रयागराज, गोरखपुर, कन्नौज, आगरा, जिम्स ग्रेटर नोएडा, राम मनोहर लोहिया संस्थान लखनऊ और झांसी में नए नर्सिंग कालेज स्वीकृत किए गए हैं। इनमें प्रधानाचार्य और प्रोफेसर सहित 138 पदों का सृजन कर नियुक्ति भी कर दी गई है। इन संस्थानों में उच्च तकनीक की लैब और अन्य संसाधनों को भी उपलब्ध कराया गया है।