उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे दिन भी सपा-बसपा गठबंधन पर तीखा तंज कसा है। गोरखपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि जब कोई तूफान आता है तो सांप-छछूंदर एक साथ मिलकर खड़े हो जाते हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति इन दोनों दलों (सपा-बसपा) की है। उन्होंने गठबंधन को विकास विरोधी करार देते हुए कहा कि यह गठबंधन भ्रष्टाचार और लूट-खसोट बढ़ाने वाले लोगों का गठबंधन है।
इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री ने लखनऊ में अखिलेश यादव और मायवती के गठबंधन पर चुटकी लेते हुए रहीमदास का दोहा पढ़ा था। उन्होंने कहा, ‘कहु रहीम कैसे निभै, बेर-केर को संग।’ उन्होंने कहा कि सूर्यास्त के समय सूर्य का रंग लाल होता है और समाजवादी पार्टी की टोपी भी लाल है। उसका भी अस्त होने का समय आ गया है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ ? पांडेय ने कहा कि सपा-बसपा के रिश्ते अवसरवाद पर टिके हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुनामी के आगे नहीं टिकेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों दल ‘चोर-चोर मौसेरे भाई’ वाली कहावत चरितार्थ करते हैं। अब दोनों दल एक-दूसरे की सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन दोनों ही दलों ने कभी दूसरे दल की जांच नहीं कराई।
युपी सरकार के प्रवक्ता और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सपा को बसपा के समर्थन को बुआ-भतीजे के बीच डील करार दिया। उन्होंने कहा कि इनका मकसद प्रदेश की विधान परिषद और राज्यसभा चुनाव में एक-दूसरे के लिये लेन-देन के आधार पर सीटों का जुगाड़ करना है। उन्होंने कहा कि अवसरवादी गठजोड़ लोकसभा के उप चुनावों के बाद ही बिखर जाएगा। दोनों दलों की नीतियों में कोई साम्यता नहीं है।
उपचुनाव के लिये बसपा के समर्थन का स्वागत करते हुए समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता व राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने कहा कि बसपा के समर्थन से साम्प्रदायिक ताकतों से लड़ने में मदद मिलेगी। मौजूदा समय में समान विचारों वाले दलों की एकजुटता बहुत जरूरी है।