वर्ष 2007-2008 में शुरू हुई थी बजाज चीनी मिल :- बजाज चीनी मिल इटईमैदा का पहला पेराई सत्र वर्ष 2007-2008 में शुरू हुआ था। पहले किसानों को गन्ना भुगतान सामान्य ढंग से मिलता रहा पर वक्त के साथ साथ किसानों का बकाया बढ़ गया। वर्तमान में बजाज चीनी मिल पर किसानों का 114.8 करोड़ रुपए बकाया है। उस पर गन्ना सहकारी समिति का कमीशन 132.70 लाख रुपए की देनदारी है। चीनी मिल ने 12 दिसंबर 2020 तक आंशिक गन्ना मूल्य भुगतान किया है।
संपत्ति कुर्क कराना नियम विरुद्ध : मिल प्रशासन किसान गन्ना भुगतान न मिलने से काफी परेशान हैं। उपर से सीएम योगी आदित्यनाथ ने किसानों के बकाया भुगतान के लिए सख्त आदेश जारी किए। इसे देखते हुए बलरामपुर जिला प्रशासन ने 123 करोड़ की आरसी जारी कर दी। आरसी के खिलाफ चीनी मिल प्रशासन ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस पर जिला प्रशासन ने चीनी मिल की संपत्ति कुर्क करनी शुरू कर दी। दूसरी तरफ चीनी मिल प्रशासन का कहना है कि आरसी का मामला कोर्ट में है, संपत्ति कुर्क कराना नियम विरुद्ध है। आरसी के बाद चीनी बिक्री से मिली रकम करीब 14 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
किसानों का भुगतान शीघ्र :- एसडीएम डा. नागेंद्र नाथ बताते हैं कि, संग्रह वसूली नियमों के तहत मिल और आवासीय परिसर की कुर्की नहीं की जा सकती है। खाली पड़ी जमीन, चीनी, शीरा कुर्क की गई है। इसकी अनुमानित कीमत 50 करोड़ है, जो प्रशासनिक कब्जे में है। शेष रकम की पूर्ति के लिए मिल की चल संपत्तियों की सूची तैयार की जा रही है। कुर्क संपत्तियों को नीलाम कर किसानों का भुगतान किया जाएगा।