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लखनऊ

यह राजाओं का गांव है यहाँ सबकुछ चुपचाप सहना पड़ता है :दयाराम पाल

बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।

लखनऊSep 20, 2019 / 07:29 pm

Ritesh Singh

यह राजाओं का गांव है यहाँ सबकुछ चुपचाप सहना पड़ता है ; दयाराम पाल

यह राजाओं का गांव है यहाँ सबकुछ चुपचाप सहना पड़ता है ; दयाराम पाल

लखनऊ ,समाजवादी पार्टी की नीतियों और राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री Akhilesh Yadav के नेतृत्व में आस्था जताते हुए आज बहुजन समाज पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा पाल महासभा उ0प्र0 के अध्यक्ष दयाराम पाल एडवोकेट, बिहार और छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रभारी तथा बलिया में बसपा के कई बार जिलाध्यक्ष तथा जिला प्रभारी रहे मिठाई लाल भारती के साथ उनके सैकड़ों समर्थक बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि वे अनुशासित सिपाही के रूप में काम करेंगे और सन् 2022 में भाजपा को बेदखल कर अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
Akhilesh Yadav ने बसपा से आए नए साथियों का स्वागत करते हुए कहा है कि इनके आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी। उत्तर प्रदेश सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। हम बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर, डाॅ0 राममनोहर लोहिया और मान्यवर कांशीराम के रास्ते पर चलकर परिवर्तन लाने का काम करेंगे।
दयाराम पाल के तीनों बेटे युवा पाल महासभा के प्रदेश अध्यक्ष विरेन्द्र पाल, एडवोकेट, विजय बहादुर पाल एडवोकेट ने जिला प्रभारी बसपा मऊ तथा कृष्णकन्हैया पाल ने भी अपने तमाम साथियों के साथ समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

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