बता दें कि अयोध्या में इस बार धूम-धाम से दिवाली मनाई गई जिसकी चर्चा देश भर में मौलाना मो. इदरीस बस्तवी की अध्यक्षता में बुधवार को बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी की बैठक हुई। बैठक में प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या में सरकारी स्तर पर दीवाली मनाने तथा रामचंद्र जी की प्रतिमा स्थापित करने के निर्णय का मुद्दा छाया रहा।
बैठक में चिंता जाहिर करते हुए कहा गया, “प्रदेश की मौजूदा योगी सरकार स्वयं को एक विशेष धर्म को मानने वालों की सरकार समझकर कार्य कर रही है. जबकि भारत के संविधान के अनुसार सरकार का संबंध किसी धर्म विशेष से नहीं होता है. सभी धर्मो का आदर करना और सभी धर्मो के मानने वालों को समान रूप से देखना हर सरकार का कर्तव्य है.”
गोरखपुर जाने से पहले सीएम योगी ने गुरुवार को सुबह भगवान राम की नगरी अयोध्या में राम जन्मभूमि के विवादित स्थल पर रामलला के दर्शन किया। इसके साथ-साथ उन्होंने प्रसिद्ध सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी में दर्शन और पूजन किया। इसके अलावा उन्होंने दिंगबर आखड़ा भी गए और उन्होंने अयोध्या के साधू संतों से मुलाकात की।
रामलाला के दर्शन के बाद
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में किसी नई परंपरा की शुरुआत नहीं की है। श्रीराम जन्मभूमि में देश दुनिया से श्रद्धालू आते हैं। उनकी सुरक्षा और सुविधा के साथ-साथ वहीं की साफ सफाई को देखने के लिए मै आया हूं।