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लखनऊ

नए सत्र से बदल जाएगा बीएड-एमएड की पढ़ाई का तरीका, छात्रों को मिलेगा शानदार स्टडी मैटेरियल

B.Ed and M.Ed Education Method will be Changed – नए सत्र से बीएड-एमएड की पढ़ाई का तरीका बदल जाएगा। नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) ने पठन पाठन में बदलाव करते हुए ऑफलाइन कक्षा के साथ-साथ कॉलेजों से ऑनलाइन कक्षाओं के भी प्राथमिकता देने को कहा है।

लखनऊAug 04, 2021 / 09:41 am

Karishma Lalwani

B.Ed and M.Ed Education Method will be Changed

B.Ed and M.Ed Education Method will be Changed

लखनऊ. B.Ed and M.Ed Education Method will be Changed. नए सत्र से बीएड-एमएड की पढ़ाई का तरीका बदल जाएगा। नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) ने पठन पाठन में बदलाव करते हुए ऑफलाइन कक्षा के साथ-साथ कॉलेजों से ऑनलाइन कक्षाओं के भी प्राथमिकता देने को कहा है। सत्र 2021-22 से कॉलेजों में ऑफलाइन कक्षाओं के साथ ई-कंटेंट के जरिए भी पढ़ाई होगी। एनसीटीई ने कॉलेजों से ऑनलाइन लेक्चर को लेकर प्लान मांगा है। गांव, कस्बों और छोटे शहरों में संचालित बीएड, एमएड, बीपीएड, एमपीएड, डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन समेत अन्य शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स के छात्रों को शानदार स्टडी मैटेरियल उपलब्ध कराया जाएगा। देशभर के विश्वविद्यालय व कॉलेज से आने वाले स्टडी मैटेरियल की स्क्रीनिंग करके बेहतरीन स्टडी मैटेरियल को एनसीटीई अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगी।
यूपी में 2300 बीएड कॉलेज

उत्तर प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों समेत देश के विभिन्न बीएड कॉलेजों में लगने वाली कक्षाओं में पढ़ाने का तरीका, लेसन प्लान, को-करिकुलर एक्टिविटी आदि कार्य अब ऑनलाइन कराए जाएंगे। प्रदेश में करीब 2300 बीएड कॉलेज है जबकि देश में करीब 15 हजार बीएड कॉलेज है। उप्र स्ववित्त पोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने कहा कि कोरोना काल में अगर कालेज खुलते भी हैं तो 50 फीसद छात्र संख्या के साथ खुलेंगे। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कक्षाओं में छात्रों के बैठने के दौरान शारीरिक दूरी का पालन किया जाएगा। ऑनलाइन कक्षाओं में छात्रों को अच्छी टीचिंग के साथ बेस्ट स्टडी मैटेरियल दिए जाने पर भी फोकस रहेगा।
ग्रामीण क्षेत्र को फायदा

कक्षा ऑनलाइन हो जाने से दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्र व कस्बाई क्षेत्र के बच्चों को फायदा मिलेगा। टीचर्स लर्निंग प्रोग्राम, माइक्रो टीचिंग, प्रैक्टिस टीचिंग, विषयों से संबंधित व्याख्यान व प्रयोगात्मक अध्ययन के गुर नामी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों से सीख सकेंगे।

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