विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने इसके लेकर अधिसूचना जारी की है। इसमें बताया गया है कि हाईकोर्ट के आदेश पर किसी तरह के स्थगनादेश की सूचना नहीं आई है। ऐसे में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत अब्दुल्ला आजम खान का निर्वाचन 16 दिसंबर 2019 से विधि शून्य माना जाएगा। इस तरह यह सीट रिक्त मानी जाएगी।
ये भी पढ़ें- अखिलेश यादव ने किया खुलासा, बताया ट्रांसफर से पहले रामपुर जेल में क्या हुआ आजम खान के साथ यह थी वजह- 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में रामपुर जिले की स्वार टांडा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और विजय भी हुए थे। बाद में खुलासा हुआ कि नामांकन के दौरान अब्दुल्ला आजम की उम्र 25 साल नहीं थी। उन्होंने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर चुनाव लड़ा था। बहुजन समाज पार्टी के नेता नवाब काजिम अली खान ने उनके खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसपर कोर्ट ने पाया कि अब्दुल्ला 2017 में चुनाव लड़ने के पात्र नहीं थे। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अब्दुल्ला आजम सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
ये भी पढ़ें- दिल्ली हिंसा के लिए मायावती ने अरविंद केजरीवाल से कहा यह, अखिलेश ने राष्ट्रपति से वार्ता के लिए मांगा समय अब हैं जेल में- अबदुल्ला के फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट ने उनके साथ-साथ उनके पिता आजम खां व मां तंजीन फातिमा को भी जेल पहुंचा दिया है। बुधवार को इस मामले में तीनों ने रामपुर की कोर्ट में सरेंडर किया जहां से उन्हें सात दिन के लिए रामपुर जेल में भेज दिया गया। लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की स्थिति को भांपते हुए गुरुवार को उन सभी को सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया।