आयुर्वेद के शोध से आया सही अकड़ा गठिया रोग विशेषज्ञ प्रो. संजीव रस्तोगी ने बताया कि आयुर्वेद में वायरल बुखार के बाद जोड़ो में दर्द के उपचार के लिए आने वाले रोगियों संख्या बढ़ जाती है। तीन महीने तक अंग्रेजी दवा का प्रयोग उनके शरीर को अंदर से कमजोर बना देता है है जिसकी वजह से और बहुत से रोगो की चपेट में लोग आते है।
रोगियों ने खुद देखा असर प्रो. संजीव रस्तोगी ने बताया कि वायरल बुखार के बाद होने वाले गठिया को लेकर आयुर्वेद में देश का यह पहला शोध कार्य किया गया है। जिसमें सीधे ओ.पी.डी के रोगियों से उनके स्वयं के आकलन के आधार पर औषधियों से मिलने वाले लाभ की गणना की गयी है।
अंग्रेजी का से नहीं मिला फायदा 6 महीने तक अंग्रेजी दवा का सेवन करने के बाद भी ऐसे रोगियों को कोई स्थायी राहत नहीं मिली है। वहीं शोध के परिणाम बताते हैं कि ऐसे रोगियों को तीन महीने के आयुर्वेदिक उपचार के बाद से ही अच्छे रिजल्ट देखने को मिले हैं। प्रो. रस्तोगी ने बताया कि यह शोध ऐसे रोगियों के लिये आशा की एक नयी किरण बन कर आया है क्योंकि इन रोगियों को अन्यथा किसी भी उपचार से कोई स्थायी लाभ नहीं मिल सका था।