अमेठी में राहुल गांधी के वफादारों ने भी छोड़ा साथ, जीते सिर्फ दो सदस्य, स्मृति ईरानी का भी नहीं चला जादू
‘अपनों’ को नहीं संभाल पाये
अयोध्या-मुथरा और काशी भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के दौर से ही एजेंडे में शामिल रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने अपने 4 साल के कार्यकाल में इन जिलों के विकास के लिए लंबे चौड़े काम करवाए और अच्छा बजट भी दिया। बावजूद इसके इन जिलों ‘अपनों’ को भाजपा संभाल नहीं पायी। जीत की गारंटी के नाम पर तमाम नए चेहरों को उतारा इसलिए पुराने वफादार बागी हो गए। टिकट बंटवारे से नाखुश कई नेताओं ने या तो दूसरे दलों का रुख किया या फिर निर्दलीय मैदान में उतर गए। इसलिए पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा।
अयोध्या : जनपद में कुल 40 सीटों में से 24 सीटों पर समाजवादी पार्टी जीती है। 12 सीटों पर जीत के साथ दूसरे नंबर निर्दलीय हैं, वहीं बीजेपी मात्र 06 सीटें ही पा सकी है। बागियों को न साध पाना यहां बीजेपी की हार ककारण रहा। फिर भी बीजेपी का दावा है कि निर्दलीय उनके साथ हैं।
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वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जिला पंचायत की कुल 40 सीटे हैं, जिनमें से सपा के खाते में 14 सीटें आई हैं। बीजेपी 8 सीट जीत सकी है। पांच पर बसपा और तीन सीट अपना दल (एस) के खाते में गयी है। आम आदमी पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को एक-एक सीट मिली है जबकि 3 निर्दलीय जीते हैं।