17 नवंबर को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच बनी थी सहमति बता दें कि पिछले माह 17 नवंबर को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने मुलाकात की थी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो दिवसीय यूपी दौरे पर आये थे। जहां यूपी-उत्तराखंड की परिसंपत्तियों को लेकर चल रहे विवाद पर चर्चा हुई। इस मुलाकात के बाद दोनों प्रदेशों ने 21 साल पुराने इस मामले को हल करने का दावा किया था। जिसके तहत उत्तराखंड और यूपी में संपत्तियों का आधा आधा बंटवारा होगा। संपत्ति बंटवारे मामले में पहले दोनों प्रदेशों की जनसंख्या के अनुपात में पैमाना निर्धारित किया गया था।
दोनों प्रदेश की सरकारों के बीच सहमति बनने के बाद उत्तराखंड को अब पहले के मुकाबले कई गुना संपत्ति ज्यादा मिलेगी। दोनों प्रदेशों के बीच 21 साल से परिसंपत्तियों के अनसुलझे मुद्दों को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुलझा लिया है।
ट्रिपल इंजन सरकार में हल हुआ विवाद गौरतलब है कि उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में में भारतीय जनता पार्टी की सत्ता है और केंद्र में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार है। ऐसे में ट्रिपल इंजन की सरकार ने सालों पुराने इस विवाद को सुलझा लिया। हालांकि इससे पहले कई बार कोशिश की गई लेकिन कई दौर की वार्ता के बाद प्रयास विफल रहे।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच 21 साल पुरानी संपत्तियों का बंटवारा हो गया है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बीच हुई वार्ता के बाद दोनों राज्यों के लिए एक खुशखबर मानी जा रही है। फैसले के तहत हरिद्वार कुंभ मेले की जमीन उत्तर प्रदेश के पास ही रहेगी। इसके साथ ही धौरा, बैगुल, नानक सागर जलाशय उत्तराखंड को मिल गए हैं। उधमसिंहनगर किच्छा बस स्टैंड भी उत्तराखंड के हिस्से आया है। वहीं उत्तराखंड को अलकानंदा पर्यटक आवास हरिद्वार भी मिल गया है। इसके अतिरिक्त बनबसा बैराज का मेंटेनेंस यूपी सरकार करवाएगी।