ढाई गुना महंगा हो गया भूसा
छह महीने पहले एक कुंतल भूसा 600 रुपए का था। आज 1200 रुपए कुंतल थोक में बिक रहा है। फुटकर में इसके रेट 16 से 20 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं। चूनी 20 रुपए किलो से 28-30 रुपए किलो तक पहुंच गई है। चोकर 20 से उछलकर 27 रुपए किलो हो गया। खली 24 रुपए किलो में बिक रही थी जो अब 32 रुपए में मिल रही है। चारे के थोक कारोबारी आरके तिवारी ने बताया कि 50 साल से यही कारोबार कर रहे हैं लेकिन ऐसा उलट-फेर कभी नहीं देखा कि इंसानी भोजन से महंगा गाय-भैंस का भोजन हो गया हो।
महंगाई के कारण ‘भूसा दान’ वाले नहीं मिल रहे
गौशालाओं में रखे गए 30 हजार गोवंश के लिए मात्र 1.05 करोड़ के बजट के चलते पशुपालन विभाग उन्हें भरपेट चारा तक नहीं खिला पा रहा है। एक दिन की खुराक के लिए मिलने वाले 30 रुपये नाकाफी साबित हो रहे हैं। गोवंश का पेट भरने को विभागीय अधिकारी दान में भूसा मांगने को किसानों के घर जा रहे हैं। ग्राम प्रधानों को पत्र लिख भूसा दान में सहयोग मांगा गया है लेकिन भूसा महंगा बिकने के कारण कोई भूसा दान करने को तैयार नहीं है।
महंगी हो सकती है दूध की वस्तुएं
पशु आहार में दो-तीन गुना महंगाई बढ़ाने से यकीनन दूध की कीमतो में उछाल आएगी। लेकिन इसका सीधा असर आम इंसान को पड़ेगा। 80 रुपए लीटर दूध, 600 रुपए प्रति किलोग्राम पनीर और 60-65 रुपए दही की कीमतो में बढ़ोत्तरी हो सकती है। इतना ही नहीं बल्कि मिठाइयों की कीमतों के भी दाम बढेंगे।
छह महीने में सब्जियों के रेट धड़ाम
चकरपुर आलू-प्याज आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीशंकर गुप्ता ने बताया कि एक तरफ भूसा-चूनी के रेट बढ़े हैं तो दूसरी तरफ सब्जी-फल के भाव धड़ाम हो गए हैं। पहले आलू 30 रुपए किलो में बिक रहा था। अब 15 रुपए किलो है। प्याज 50 रुपए से गिरकर 15-16 रुपए किलो हो गया है। तरबूज 30 रुपए किलो में बिक रहा था। आज 12 रुपए किलो है। कद्दू 40 रुपए से 15 रुपए किलो पर आ गया है। लौकी भी 40 से सीधे 20 रुपए में आ गई है। चकरपुर फल मंडी के थोक कारोबारी एस डब्ल्यू मर्चेन्ट ने बताया कि फलों की डिमांड एकाएक घट गई है। खीरा 40 रुपए किलो में बिक रहा था, जो अब 10 रुपए किलो में आ गया है। दूसरे फलों का भी यही हाल है।