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पुलिस की पूछताछ में वीरेंद्र ने बताया कि 15 मई से लगातार दोनों वारदात अंजाम देने की फिराक में थे, लेकिन मौका नहीं मिल पा रहा था। मुख्य आरोपी वीरेंद्र की निशानदेही पर पुलिस ने इंदिरानगर के पास से चाकू, मास्क और टोपी बरामद कर ली है। पूछताछ के बाद पुलिस ने उसको कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेजा गया।मूलरूप से बिहार के मुजफ्फरपुर निवासी आदर्श कुमार एफसीआई मुख्यालय में एजी- ।। (टेक) के पद पर कार्यरत हैं। वह छोटा भरवारा में पत्नी अनामिका (मूलरूप से बलिया निवासी) व डेढ़ साल की बेटी के साथ रहते हैं। मकान की तीसरी मंजिल पर नौकर अर्जुन सोनी परिवार के साथ रहता है। शुक्रवार सुबह आदर्श दफ्तर चले गए थे। दोपहर को अनामिका का घर में ही कत्ल कर दिया गया था। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। एडीसीपी पूर्वी सैयद अली अब्बास ने बताया कि आरोपी नौकर ने वीरेंद्र कुमार यादव के साथ मिलकर आदर्श के घर में लूट करने की साजिश रची थी।
पूछताछ में बताया कि अर्जुन और वीरेंद्र ने करीब एक महीने पहले साजिश रची थी, जिसके बाद दोनों ने चिनहट में स्थित एक दुकान से चाकू खरीदा था। वीरेंद्र ने निशांतगंज से फर्जी आईडी बनवाई थी। पुलिस की पूछताछ में वीरेंद्र ने बताया कि 15 मई से लगातार दोनों वारदात अंजाम देने की फिराक में थे, लेकिन मौका नहीं मिल पा रहा था।
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साजिश के तहत वीरेंद्र वहां पहुंचा था। घर में लूटपाट की पर अनामिका उससे भिड़ गई थीं। अनामिका के शोर मचाने पर वीरेंद्र चाकू से वार कर भाग निकला था। पुलिस ने आरोपी अर्जुन और वीरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है।तोड़ दिया सिम, फिर भी फंस गया
वीरेंद्र ने जिस नंबर से अनामिका को मैसेज भेजकर कॉल की थी, वह उसका पर्सनल नंबर था। ये नंबर वह लंबे समय से इस्तेमाल कर रहा था। वारदात के बाद ये नंबर उसने बंद कर दिया था। सिम तोड़कर फेंक दिया था। हालांकि दूसरा सिम उसने उसी मोबाइल में डाला था, जिसमें वह पहला वाला नंबर चला रहा था। इसलिए सर्विलांस टीम को उसका दूसरा नंबर पता चल गया और उसको आसानी से ट्रेस कर लिया।
एडीसीपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान वीरेंद्र का अजीब रवैया सामने आया। उसको किसी तरह का अफसोस नहीं। बीच बीच में बोलता रहा कि मरना एक दिन सबको है। मुझे पैसों की जरूरत थी। या तो मैं अपनी किडनी बेचता या लूट करता। लूट करना आसान था इसलिए ऐसा किया।