2014 में लोकसभा चुनाव को लेकर चुनावी पारा चढ़ने लगा था, ऐसे में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने बंसल को उत्तर प्रदेश भेजने का फैसला किया। बंसल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में जयपुर इकाई के महासचिव थे। RSS ने बंसल को यहां शाह की मदद करने के लिए भेजा था। उस वक्त Amit Shah यूपी इंचार्ज थे। उसी चुनाव में ही दोनों नेताओं ने यूपी से मजबूत पकड़ रखने वाली सपा और बसपा को सत्ता से बाहर करने का फैसला कर लिया था.
Sunil Bansal in Loksabha Chunav अमित शाह और सुनील बंसल की जोड़ी ने कुछ यूँ कमाल दिखाया कि, पहले लोकसभा चुनाव २०१४ में पार्टी को बहमत मिला। फिर विधानसभा चुनाव २०१७ में भाजपा ने इन्हीं के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। 2019 लोकसभा चुनाव और फिर 2022 में विधानसभा चुनाव में उनकी प्रमुख भूमिका रही.
Crore of Membership in BJP UP यूपी में भाजपा ने दो करोड़ से ज्यादा कार्यकर्ता बना लिए उसके बाद पार्टी का लक्ष्य था बूथों को मजबूत करना. इसके बाद बंसल ने बूथ कमेटियों को मजबूत करने का काम शुरु किया. बंसल के विजन में काम करते हुए पूरे प्रदेश में 1 लाख 47 हजार बूथ में 1 लाख 8 हजार बूथों पर भाजपा ने प्रभावी ढ़ंग से काम किया.