नई शिक्षा नीति के तहत योगी सरकार द्वारा विद्यार्थियों को पढ़ाई के बेहतर विकल्प देने पर जोर दिया जा रहा है। इसी के तहत अब शामिल हो रहे पहले पाठ को लेकर उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सभी विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों से सुझाव भी मांगे जा चुके हैं। बदलाव के तहत गैर प्रयोगिक विषयों में भी व्यवहारिक ज्ञान और प्रैक्टिकल जोड़ा गया है।
इसके साथ ही भाषाओं के पाठ्यक्रम में अनुवाद, रूपांतरण, स्क्रिप्ट राइटिंग और लैंग्वेज लैब आदि को जोड़ा गया है। वहीं स्नातक स्तर से ही शोध को बढ़ावा देने के प्रयास किए गए हैं। स्नातक प्रथम वर्ष में सभी विषयों में रिसर्च ओरिएंटेशन और स्नातक तृतीय वर्ष में रिसर्च प्रोजेक्ट को जोड़ा गया है। भाषा से संबंधित शोध को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए बेहतर अवसर दिए जाएंगे।