अखिलेश यादव ने पोस्ट कर साधा निशाना
उन्होंने कहा, “वक्फ बोर्ड की जमीनें, डिफेंस लैंड, रेल लैंड, नजूल लैंड के बाद ‘भाजपाइयों के लाभार्थ योजना’ की श्रृंखला की एक और कड़ी मात्र हैं। भाजपा क्यों नहीं खुलकर लिख देती: ‘भाजपाई-हित में जारी। इस बात की लिखकर गारंटी दी जाए कि वक्फ बोर्ड की जमीनें बेची नहीं जाएंगी। भाजपा रियल स्टेट कंपनी की तरह काम कर रही है। उसे अपने नाम में ‘जनता’ के स्थान पर ‘जमीन’ लिख कर नया नामकरण कर देना चाहिए: भारतीय जमीन पार्टी।”
दो बिल होंगे पेश
आपको बता दें कि पहले बिल के जरिए वक्फ कानून 1955 में महत्वपूर्ण संशोधन लाए जाएंगे। वहीं, दूसरे बिल के जरिए मुसलमान वक्फ कानून 1923 को समाप्त किया जाएगा। Waqf (संशोधन) विधेयक में वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995’ करने का भी प्रावधान है।