मायावती के बाद एक्शन में अखिलेश बसपा सुप्रीमो मायावती के 11 विधानसभा सीटों पर अकेले उपचुनाव लड़ने की घोषणा के बाद सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी अपनी राह अलग कर ली है। सूत्रों के मुताबिक सपा ने उपचुनाव के लिए अपनी रणनीति बना ली है। सपा गठबंधन की तीसरी सहयोगी पार्टी आरएलडी के साथ उपचुनाव लड़ेगी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सांसद निर्वाचित होने के बाद खाली हुई 11 सीट के अलावा मीरापुर विधानसभा सीट का उपचुनाव आरएलडी के साथ लड़ेंगे। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव के इस फैसले पर मुलायम सिंह यादव ने भी हामी भर दी है।
आरएलडी के साथ सपा लड़ेगी उपचुनाव जानकारी के मुताबिक 12 विधानसभा सीटों में से सपा 10 और आरएलडी 2 पर उपचुनाव लड़ सकती है। अलीगढ़ जिले की इगलास और मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर सीट पर सपा के समर्थन से आरएलडी उपचुनाव लड़ेगी। जबकि गंगोह, रामपुर सदर, टूंडला, जलालपुर, बलहा, मानिकपुर, जैदपुर, प्रतापगढ़, गोविंद नगर (कानपुर) और लखनऊ कैंट सीट पर आरएलडी के समर्थन से सपा उपचुनाव लड़ेगी।
असफल हुआ प्रयोग आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के लिए उत्तर प्रदेश में हुए सपा-बसपा गठबंधन अब लगभग टूट चुका है। बसपा सुप्रीमो मायावती के मुताबिक उनकी पार्टी यूपी की 11 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अकेले लड़ेगी। वहीं अब अखिलेश यादव के आरएलडी से मिलकर उपचुनाव लड़ने के ऐलान ने भी राजनीति गर्म कर दी है। अखिलेश यादव ने कहा कि यह गठबंधन एक प्रयोग था। इसके बाद सपा और आरएलडी ने मिलकर उपचुनाव के लिए अपनी रणनीति बना ली है।
इन विधायकों ने सांसद बनने के बाद दिया इस्तीफा – लखनऊ कैंट विधानसभा सीट- रीता बहुगुणा जोशी (इलाहाबाद से सांसद बनीं) – कानपुर की गोविंदनगर विधानसभा सीट- सत्यदेव पचौरी (कानपुर से सांसद बने)