स्वार्थ के चलते परवान चढ़ती हैं राजनेताओं की दोस्ती, साथ आये तो बना इतिहास और अलग हुए तो..
सपा को 1999 में महाराष्ट्र में मिली थीं चार सीटें
समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र में नियमित रूप से विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ती रही है। वर्ष 1999 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा चार सीटें मिली थीं। बीते विधानसभा चुनाव में सपा सिर्फ मानखुर्द शिवाजीनगर की सीट पाने में सफल रही थीं। इस सीट से अबू आजमी ने जीत दर्ज की थी। इस बार भी वह मानखुर्द शिवाजीनगर सीट से ही चुनाव लड़ने जा रहे हैं।
अबू आजमी ने कहा कि समाजवादी पार्टी राज्य में एक दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। इनमें मानखुर्द शिवाजीनगर, अकोला की दो सीटें, नांदेड़ की दो सीट, औरंगाबाद की तीन सीट, मालेगांव की दो सीटें, भिवंडी की तीन सीटें और बायकुला की सीट।
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सफल नहीं रहा है अखिलेश का गठबंधन फॉर्मूला
2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस संग गठबंधन किया था। गठबंधन के तहत सपा ने 298 और कांग्रेस ने 105 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। उस वक्त अखिलेश यादव सपा के और राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष थे। यह गठबंधन सफल नहीं रहा है। समाजवादी पार्टी 47 और कांग्रेस पार्टी महज सात सीटों पर सिमट गई। इसके बाद सपा-कांग्रेस की राहें जुदा हो गईं।
2019 के लोकसभा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी ने पुरानी अदावत को भुलाकर चिर-प्रतिद्वंदी पार्टी बसपा से गठबंधन किया। राष्ट्रीय लोकदल भी इस गठबंधन का हिस्सा था। गठबंधन के तहत सपा ने 37 और बसपा को 38 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन उम्मीदों के मुताबिक परिणाम नहीं आये। सपा को 05 सीटों से आगे नहीं बढ़ सकी और बसपा को 10 सीटों पर जीत हासिल हुई। चुनाव परिणाम के बाद सपा-बसपा गठबंधन भी टूट गया और दोनों दल अलग-अलग उपचुनाव की तैयारियों में जुट गये।