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लखनऊ

अखिलेश और शिवपाल के गठबंधन से सैफई में खुशियों से झूमी जनता, मना जश्न

इसके बाद सपा सुप्रीमो ने सपा-पीएसपी के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया। इस गठबंधन सूचना जैसे ही पैतृक गांव इटावा के सैफई में तो यादव परिवार संग पूरा इलाका खुशी से झूम उठा। गांव सैफई में समाजवादी परिवार के एक होने का जश्न मनाया गया। गठबंधन की सूचना आते ही सैफई में दीपावली जैसा उत्सव मनाया गया।

लखनऊDec 17, 2021 / 05:59 pm

Sanjay Kumar Srivastava

अखिलेश और शिवपाल के गठबंधन से सैफई में खुशियों से झूमी जनता, मना जश्न

अखिलेश और शिवपाल के गठबंधन से सैफई में खुशियों से झूमी जनता, मना जश्न

इटावा. समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) अध्यक्ष शिवपाल यादव के बीच करीब पांच साल की दूरियां सिर्फ 45 मिनट खत्म हो गई। अखिलेश यादव ने चचा शिवपाल के पैर छुए और चचा ने आगे बढ़कर अखिलेश को गले लगा सारे गिले शिकवे दूर कर दिए। फिर इसके बाद सपा सुप्रीमो ने सपा-पीएसपी के साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया। इस गठबंधन सूचना जैसे ही पैतृक गांव इटावा के सैफई में तो यादव परिवार संग पूरा इलाका खुशी से झूम उठा। गांव सैफई में समाजवादी परिवार के एक होने का जश्न मनाया गया। गठबंधन की सूचना आते ही सैफई में दीपावली जैसा उत्सव मनाया गया।
हनुमान मंदिर घंटाघर पर मना जश्न

सैफई में सपा और प्रसपा कार्यकर्ताओं ने हनुमान मंदिर घंटाघर पर एकत्रित होकर जश्न मनाया। चाचा और भतीजे की इस मुलाकात की जानकारी सियासी गलियारे में आते ही यूपी की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कुछ देर बाद अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव के साथ अपनी तस्वीर ट्वीट कर इस बात की जानकारी भी दी। जानकारी मिलने पर सपा व प्रसपा के कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई।
आतिशबाजी चलाई गईं

ब्लाक अध्यक्ष संतोष शाक्य के नेतृत्व में सैकड़ों नेताओं ने आतिशबाजी चलाकर एक दूसरे को मिठाइयां खिलाई गई। सैफई में देर रात तक चाचा-भतीजा जिंदाबाद के नारे लगते रहे। इस दौरान सैफई गांव के प्रधान रामफल वाल्मीकि, प्रधान बघुइया राकेश यादव, प्रधान रामबाबू यादव, यदुवीर सिंह, विजय यादव, दिनेश मास्टर, चौधरी सुरेंद्र सिंह व अमरेश शाक्य आदि मौजूद रहे।
यूपी के 9 फीसद यादव वोट बैंक पर शिवपाल का प्रभाव

गठबंधन के ऐलान के बाद सबकी नजर सीटों के बंटवारे पर है। सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी, पीएसपी को दो दर्जन से कम सीट देने के पक्ष में है जबकि शिवपाल सिंह यादव कम से 50 सीटों अपने कोटे में चाहते हैं। शिवपाल यादव पश्चिम, अवध और बुंदेलखंड के करीब 10 जिलों की 60 से 70 सीटों पर असर रखते हैं। वजह साफ है कि शिवपाल यादव का अभी भी सहकारी समितियों पर कब्जा है। इसके साथ ही वह अपने कोर वोट बैंक यादव को भी सहेज कर चल रहे हैं। यूपी के 9 फीसद यादव वोट बैंक शिवपाल यादव के प्रभाव में हैं।
सिर्फ 0.3 फीसद वोट मिले

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न पर शिवपाल यादव ने यूपी की 47 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। खुद फिरोजाबाद से चुनाव लड़े। लोकसभा चुनाव में शिवपाल यादव की पार्टी को सिर्फ 0.3 फीसद वोट मिले। हालांकि ज्यादातर जगहों पर शिवपाल ने सपा को नुकसान पहुंचाया। 2017 में जसवंतनगर विधानसभा सीट से जीते शिवपाल यादव को 63 फीसद से ज्यादा वोट मिले थे। सपा 2017 में 311 सीट पर चुनाव लड़ी थी। तब उसे 22 फीसद वोट मिले थे।

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