प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण गन्ना किसानों का अभी तक 12219 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान लटका हुआ है और गन्ना किसान वर्तमान पेराई सत्र में भी अपने गन्ने की उपज को चीनी मिलों के हाथों बेंचने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा व योगी के वादे अब तक झूठ व छलावा साबित हुए हैं। उन्हें गन्ना किसानों सहित किसानों की बदहाल आर्थिक स्थिति से कोई लेना देना नही है। योगी सरकार गन्ना किसानों को तिल-तिल कर मरने के लिये विवश कर रही है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि इसे विडम्बना ही कहा जायेगा कि गन्ना किसानों की खून पसीने और हाड़तोड़ मेहनत से पैदा किये गये गन्ने की उपज के बल पर आज उत्तर प्रदेश चीनी उत्पादन में रिकार्ड तोड़ रहा है और चीनी उत्पादक उद्योगपति शीरा व सेनेटाइजर आदि बनाकर भारी लाभ कमा रहे हैं। सरकार चीनी मिल मालिकों को तमाम तरह की सब्सिडी व सुविधाएं दे रही है उसके बाद भी वह गन्ना किसानों का बकाया भुगतान न करके गन्ना किसानों का शोषण कर रहे हैं। सरकार चीनी मिल मालिकों के विरूद्ध किसी भी तरह की कोई कार्यवाही से बच रही है। सरकार और चीनी मिल मालिकों की सांठ-गांठ का ही परिणाम है कि चीनी के लिये गन्ने की पैदावार करने वाले गन्ना किसान आर्थिक तंगी और भुखमरी की कगार पर हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने राज्य सरकार द्वारा 3500 करोड़ की निर्यात सब्सिडी को गन्ना किसानों के लिए मात्र एक छलावा बताते हुए कहा कि योगी सरकार का यह कदम गन्ना किसानों को भ्रमित करने का प्रयास है। उन्होने कहा कि गन्ना किसानों का सम्पूर्ण बकाये का भुगतान तत्काल सुनिश्चित कराया जाना ही गन्ना किसानों की समस्या का एक मात्र समाधान है जिसकी तरफ योगी सरकार आंख मूंदे बैठी है। उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार एक बार फिर गन्ना किसानों के साथ धोखेबाजी करने का काम रही है। लल्लू ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि वह अपने संकल्प पत्र में दिये गए वचन के अनुसार गन्ना किसानों के सम्पूर्ण बकाये का भुगतान तत्काल कराने की व्यवस्था सुनिश्चित कराए।