उन्होंने कहा की ये एक वैज्ञानिक मामला है, जिससे निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने एक बेहतरीन अभियान शुरू किया है। दिल्ली सरकार ने वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एक ऐसा रसायन बनाया जिसकी कीमत बहुत कम है और किसानों को यह घोल दिल्ली सरकार ने मुफ्त में उपलब्ध करा रही है। इसके छिड़काव से पराली को खाद में परिवर्तित किया जा सकता है। इसके छिड़काव के दो फायदे है पहला प्रदूषण को कम किया जा सकता है और किसानों को भी पराली के रुप में खाद मिल जायेगा। प्रदूषण के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी ने कड़े निर्देश जारी किए हैं जो स्वागत योग्य है और जिनका पालन करना चाहिए। जहा दिल्ली सरकार ने इन निर्देशों का पालन करते हुए वैज्ञानिकों का सहयोग लिया, वहीं योगी आदित्यनाथ जी की सरकार पुलिस के डंडे का सहारा ले रही है। हमें लगता योगी सरकार को शासन करने का कोई अनुभव नहीं है या फिर कह लें नीयत नहीं है।
किसान विरोधी योगी सरकार ने किसानों की समस्या का समाधान करने के बजाये पर लाठीचार्ज व मुकदमें दायर करा रही है। इस क्रम में पिछले 24 घंटे के अंदर 144 FIR दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि पराली पर सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के कड़े दिशा निर्देश हैं। ऐसे में कृषि विभाग व अन्य विभाग या वैज्ञानिकों के दिशा निर्देश आने के बजाय पुलिस महानिदेशक का निर्देश आता है। योगी जी बताएं कि किसानों खेतों की समस्या पुलिस के निर्देशों पर चलाई जाएगी। अगर इसी तरह सरकार की तानाशाही चलती रही तो देश के किसानों को अपना कामकाज छोड़कर सड़क पर धरना प्रदर्शन के लिए आना पड़ेगा।
आम आदमी पार्टी की मांग है कि ऐसे किसी भी मामले में जिन किसानों पर योगी जी ने मुकदमें व गिरफ्तारी कराई है इनको तुरंत वापस लिया जाए। योगी सरकार तत्काल एक नीति बनाएं, जिसमें किसानों के यहां किसान फसल कटाई पर है पराली से जिनको छुटकारा चाहते है उनको तत्काल वैज्ञानिक समाधान देखकर इस समस्या से छुटकारा दिलाए और एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश का पालन वैज्ञानिक तरीके से करें। पत्रकार वर्ग भी इस पुलिसिया बर्बरता से अछूता नहीं है हम बहुत जल्दी एक डेटा पेश करेंगे। भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले ऐसे जितने भी पत्रकार साथी हैं जिन पर योगी सरकार ने फर्जी मुकदमा दायर कराया।