ये भी पढ़ें- Weather Alert: घने कोहरे में खो गए पूरे-पूरे जिले, बढ़ी ठंड, मौसम विभाग ने एक हफ्ते के लिए जारी किया अलर्ट यह है मकसद- जानकारों को कहना है कि आधार को संपत्ति के स्वामित्व से जोड़ने से काले धन को रियल एस्टेट क्षेत्र से धोखाधड़ी को खत्म करने में मदद मिलेगी। इस कदम से घर की कीमतों के युक्तिकरण को सक्षम करने की क्षमता भी है, क्योंकि जिन लोगों ने बेनामी संपत्ति में निवेश किया है, वे विनिवेश के लिए दौड़ेंगे। एआईजी स्टांप निबंधन राम इकबाल सिंह के मुताबिक आधार लिंक करने से रजिस्ट्री कराने वाले की पूरी जानकारी विभाग के साथ आयकर व प्रवर्तन निदेशालय को मिलेगी। एक ओर जहां सही तथ्य छुपाकर होने वाली भू-संपत्तियों की खरीद में गड़बड़ियों को रोका जा सकेगा, तो वहीं बेनामी संपत्तियों की निगरानी भी हो सकेगी।
ये भी पढ़ें- PM kisan samman nidhi- यूपी में 216.17 लाख किसानों को मिलेंगे 4333.40 करोड़ रुपए फर्जीवाड़े को रोककर कार्रवाई भी की जा सकेगी। इसीलिए 2016 से निबंधन के समय खरीदार, विक्रेता के आधार की प्रमाणिकता को अनिवार्य किया गया है। इसके लिए हाईटेक निगरानी शुरू की जा चुकी है। लिंकअप किए गए आधार नंबर को रजिस्ट्री की कॉपी में भी दर्ज किया जाएगा।