सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा “ हर किसी में सरकार के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत नहीं होती… हर किसी पर दबाव बनाया जाता है, क्या कोई है जो नहीं जानता कि बीजेपी जीतने कि लिए किसी भी हद तक जा सकती है। चंडीगढ़ चुनाव के दौरान भी बीजेपी बेईमान थी। यूपी की बात करें तो बीजेपी ने वोट पाने के लिए सब कुछ किया और जो लोग चले गए उनमें सरकार के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत नहीं रही होगी। कार्रवाई होगी क्योंकि हमारी पार्टी के नेता चाहते हैं ऐसे लोगों को पार्टी से दूर रखा जाए।”
अब अपनी खुद की पार्टी बना चुके स्वामी प्रसाद मौर्य जब सपा में थे, तो वह खूब बयानबाजी की वजह से हमेशा सुर्खियों में बनें रहते थे। कभी प्रभु राम तो कभी रामचरित्र मानस पर टिका टिप्पणी करते थे। इस दौरान सपा के कई नेताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का विरोध किया। सपा ने खुद स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान उनका निजी बयान बताया।
समाजवादी पार्टी की कल हुई बैठक में बसपा छोड़ बीजेपी में शामिल हुए सांसद रितेश पांडेय के पिता राकेश पांडेय, मनोज पांडेय, विनोद चतुर्वेदी, अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह, महाराजी प्रजापति, पूजा पाल और पल्लवी पटेल शामिल हैं। इससे सपा में टूट की अटकलें तेज हो गईं।
सपा विधायक मनोज कुमार पांडेय के इस्तीफे पर योगी सरकार के मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा ”मनोज पांडेय हमेशा से सनातन धर्म के समर्थक रहे हैं। वह चाहते थे कि सभी लोग अयोध्या आएं और प्रभु के दर्शन करें। यही वजह है वह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विश्वास दिखा रहे हैं और ऐसा निर्णय ले रहे हैं।”