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जेल मैनुअल के अनुरूप किया कार्य तो हुए रिहा: यूपी जेल प्रशासन प्रवक्ता ने कहा कि ‘अमृत महोत्सव’ योजना उन कैदियों के लिए है, जिन्हें एक निश्चित अवधि की सजा सुनाई गई है और कम से कम आधा कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। उनका व्यवहार जेल मैनुअल के अनुरूप रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे बंदियों को 15 अगस्त 2022, 26 जनवरी 2023 और 15 अगस्त 2023 को ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान रिहा करने का प्रावधान है।
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यूपी जेल प्रशासन के नियमोें के तहत हुए रिहा इसके अलावा, 1040 कैदी, जिन्हें आजीवन कारावास की सजा दी गई थी, को इसी अवधि के दौरान रिहा किया गया। उनमें से 26 कैदियों को ‘फॉर्म ए’ पर रिहा किया गया। एक कैदी को नाममात्र के रोल पर रिहा किया गया, जबकि 37 को दया याचिकाओं पर रिहा हुए। 976 को राज्य की स्थायी रिहाई नीति के तहत रिहा किया गया।
बूढ़े और अच्छे बर्ताव वाले कैदी भी हुए रिहा ‘फॉर्म ए’ के तहत, आजीवन दल से सम्मानित और कम से कम 14 साल की अवधि पूरी कर चुके। वृद्ध, बीमारी से पीड़ित और अच्छे व्यवहार वाले मानदंडों के तहत आने वाले कैदियों को रिहा कर दिया जाता है। पुराने और गंभीर रूप से बीमार कैदियों को नाममात्र रोल योजना पर रिहा किया जाता है। जबकि अच्छे व्यवहार वाले और कम से कम 14 साल की अवधि पूरी कर चुके कैदियों को राज्य की स्थायी रिहाई नीति के तहत रिहा किया जा सकता है।
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बंद 981 कैदियों को मिल सकती है रिहाई केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण माध्यम से हाल के केंद्रीय बजट में वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा के बाद, यूपी की जेलों में बंद 981 कैदियों के लाभान्वित होने की संभावना बढ़ गई है, जो जेल की सजा और जमानत राशि देने में असमर्थ हैं।
समय पूरा होने पर भी है जेल में यूपी जेल प्रशासन और सुधार सेवा के महानिदेशक आनंद कुमार ने कहा, “यूपी की जेलों में बंद 810 कैदी जमानत पाने का इंतजार कर रहे हैं। वे सलाखों के पीछे हैं, क्योंकि उन्हें ऐसा कोई व्यक्ति नहीं मिला, जो जमानत की गारंटी ले सके।” इसके अलावा, 171 कैदी ऐसे हैं, जिनके पास जमानत राशि देने के लिए पैसे नहीं हैं और सजा की अवधि पूरी होने के बाद भी वे जेल में हैं।