उन्होंने बताया कि 9 और 12 अगस्त को महेवा विकास खंड के अहेरीपुर गांव में स्थापित गौशाला में भूख प्यास की जद में आने से 6 गौवंशों की मौत हो गई थी। इस मामले में एडीओ पंचायत श्यामबरन सिंह ने प्रधान बिलकिशा बेगम के खिलाफ बकेवर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। यह मुकदमा 9 व 12 अगस्त को गोवंश की भूख-प्यास से मौत के बाद दर्ज कराया गया था। पशु क्रूरता अधिनियम 1960 की धारा 11 के अंतर्गत यह मुकदमा दर्ज किया गया है।
जिलाधिकरी ने दिया बयान- जिलाधिकारी ने बताया कि इस मामले में ग्राम पंचायत अधिकारी हेमंत कुमार को निलंबित कर दिया गया है जबकि खंड विकास अधिकारी सतीश चंद्र पांडेय को चेतावनी दी गई है। खंड विकास अधिकारी अभी कुछ दिन पहले ही वहां पर गये थे इसलिए उन्हें चेतावनी दी गई है। उन्होंने बताया कि गोशाला में दल-दल भरा हुआ है इसलिए वहां के गोवंश को अन्य गोशालाओं में स्थानांतरित किया गया है। जल्द ही गोशाला में व्यवस्थाओं को ठीक कर दिया जायेगा। गोवंश को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जायेगी।
भाजपा मंडल अध्यक्ष ने की थी शिकायत- गोशाला में छह गोवंश की सोमवार को मौत के बाद ग्राम प्रधान बिलकिशा बेगम द्वारा मिट्टी भराई का काम भी शुरू करा दिया गया। मौके पर पहुंचे पशु चिकित्सा अधिकारी महेवा ने गोवंशों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम किया। बकेवर मार्ग पर बनी गोशाला में चारा पानी की समुचित व्यवस्था न होने से बीते दिन छह गोवंशों की मौत होने तथा उन्हें अवैधानिक तरीके से दफनाए जाने की जानकारी होने पर भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रदीप तिवारी ने मुख्य विकास अधिकारी राजा गणपति आर, उपजिलाधिकारी एन.पी. मौर्य से शिकायत की गई थी । इसके बाद उपजिलाधिकारी ने एडीओ पंचायत श्याम बरन राजपूत के साथ गोशाला का निरीक्षण किया था और ग्राम प्रधान पति बबलू मंसूरी व ग्राम पंचायत अधिकारी हेमंत कुमार को कड़ी फटकार लगाई।
व्यवस्था ग्राम प्रधान के हाथ में है- मंडल अध्यक्ष प्रदीप तिवारी का कहना है कि गोशाला की दुर्गति व पशुओं के चारा पानी की व्यवस्था को बनाए रखने व सुचारू रूप से चलाए जाने के लिए कई बार ग्राम पंचायत विकास अधिकारी हेमंत से कहा था तो उनका यही कहना था कि पैसा निकाल दिया गया है, व्यवस्था ग्राम प्रधान के हाथ में है।
भूख-प्यास व डिहाइड्रेशन के चलते मरे गोवंश- पशु चिकित्सा अधिकारी शरद यादव ने बताया कि गोवंश भूख-प्यास व डिहाइड्रेशन के चलते मरे हैं । पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आये हैं । ग्राम प्रधान पति बबलू मंसूरी का कहना है कि गोशाला में तादाद से ज्यादा गोवंश थे। मौसम खराब हो जाने के कारण यह बाधा आई थी जिसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं इलाके की जनता ने गोशाला में बरती जा रही अनियमितताओं की सघन जांच कराए जाने की मांग की है।