क्यों लुप्त हो रही है हाउस स्पैरो : हाउस स्पैरो का इंसानों से गहरा रिश्ता है। यह जंगलों, पहाड़ों की बजाये वहां ज़्यादा पायी जाती है जहां लोग हों। इसलिए यह अपने रहने और खाने पीने के लिए हम पर निर्भर है। बदलते समय ने घरों के आँगन को सिकुड़ा कर फ्लैट में बदल दिया, पेड़ पौधे कटने लगे और बड़ी इमारतों के बीच गौरेया ने अपना घर खो दिया। अब कोई इन्हे अनाज के दाने नहीं देता। इमारतों के बंद दरवाजे और मॉल में तब्दील होती दुकानें, सबने इनका खाना छिन लिया। इसके अलावा पेस्टिसाइड, पोलूशन, एयर कंडीशनर की गर्मी और मोबाइल फोन का रेडिएशन भी इनके लुप्त होने का कारण है। यही वजह है की हाउस स्पैरो को बचाने के लिए, इसके बारे में अवेयरनेस फैलाने के लिए पूरी दुनिया में मार्च 20 को वर्ल्ड स्पैरो डे मनाया जाता है।
इस तरह बढ़ाएं अवेयरनेस : हाउस स्पैरो और अन्य पक्षियों को लुप्त होने से बचने के लिए जरुरी है की इसके बारे में अवेयरनेस फैलाइए जाए। हम सोशल मीडिया पर सपररजव्स से रिलेटेड पोस्ट शेयर कर सकते हैं, बर्ड्स की फोटोग्राफ और मैसेज शेयर कर सकते हैं। इसके अलावा स्पैरो और अन्य बर्ड्स को लेकर फोटो एग्जीबिशन, कांटेस्ट, वर्कशॉप, सेमीनार, जैसे अवेयरनेस प्रोग्राम रख सकते हैं।
कैसे बचाएँ हाउस स्पैरो को : अपने खाने पीने और रहने के लिए यह बर्ड्स अक्सर हम इंसानों पर निर्भर रहतीं हैं। उनकी सहायता करने के लिए घर की छत, दीवार या बालकनी पर बर्ड नेस्ट, बर्ड फीडर, पानी से भरा प्याला रखें।
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