Green Tea Helps Combat Fatty Liver : ग्रीन टी कैटेचिन ऐसे सप्लीमेंट्स हैं जिसकी नॉन -अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD ) को लेकर पिछले कई सालों से स्टडी जारी है के लिए । ग्रीन टी एक्सट्रेक्ट (जीटीई) फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होते हैं और इनमें प्रमुख एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी ऑक्सीडेटिव और एंटी लिपिडेमिक गुण होते हैं। एपिग्लो कैटेचिन-3-गैलेट (ईसीजी) ग्रीन टिया में भरपूर मात्रा में पायी जाती है यही कारण है की इस फ्लेवोनोइड की स्टडी सबसे ज्यादा की गयी है।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ मैं पब्लिश हुए एक रिसर्च के अनुसार ग्रीन टी पीने से लिवर को कई बीमारियों से बचाया जा सकता है। खासतौर पर ग्रीन टी का सेवन करने से कई बिमारियों के होने का रिस्क कम हो जाता है। इनमें एचसीसी, फैटी लिवर डिजीज , हेपेटाइटिस , लिवर सिरोसिस और कोई भी क्रोनिक डिजीज शामिल है।
Recipe Green Tea : ऐसे बनाएं ग्रीन टी :
नींबू में विटामिन सी भरपूर होते हैं जो लिवर सेल्स को नुकसान से बचाने में मदद कर सकते हैं। नींबू का रस मिलकर एक कप ग्रीन टी बनाएं। इसमें शहद भी मिला सकते है।
एक कप ग्रीन टी में 1 इंच अदरक का टुकड़ा और एक चम्मच शहद मिलाएं। अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और यह लीवर को होने वाले नुकसान को कम करने में मदद कर सकता है।